मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में पिछले साढ़े तीन साल में 250 से अधिक पुलों के निर्माण का रिकार्ड बना है। इन पुलों में सीमांत क्षेत्रों में बनने वाले पुल भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रदेश में परम्परा से हटकर कार्य करना आरम्भ किया है। अब योजनाओं के निर्माण के लिये 2-4 करोड़ स्वीकृत करने के बजाय योजना की लागत का पूरा बजट तथा एक साल में अधिकतम व्यय होने वाली पूरी धनराशि स्वीकृत की जा रही है। डोबरा चांठी पुल के लिये 88 करोड़ एकमुश्त स्वीकृत होने का ही परिणाम रहा कि आज यह पुल बनकर जनता को समर्पित कर दिया गया है। हमारी सोच लक्ष्य पूरा करने की है।
मुख्यमंत्री ने का कि प्रदेश के समग्र विकास में हमारी मातृशक्ति का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य निर्माण में हमारी मातृशक्ति के संघर्ष एवं बलिदान को देश व दुनिया जानती है। उन्होंने कहा कि खण्डूड़ी जी के मुख्यमंत्रित्व काल में महिलाओं को आरक्षण की व्यवस्था की गई थी। आज 13 जिला पंचायतों, 10 महिलायें अध्यक्ष हैं जिसमें से 9 भाजपा से जुड़ी है। आज महिला घर-परिवार से लेकर जिला पंचायत राजनीति, सामाजिक क्षेत्रों में सक्रियता से कार्य कर रही है। हमारी बेटियां इंजीनियर , डाक्टर से लेकर फाइटर प्लेन ही नहीं उड़ा रही बल्कि सीमाओं पर देश की रक्षा में भी मुस्तेदी से कार्य कर रही हैं। राज्य में 30 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों में 18 हजार सक्रियता से कार्य कर रहे हैं। एक समूह से 10 महिलायें जुड़ी हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के आर्थिक विकास के लिये ग्रोथ सेंटरों की स्थापना की गई हैं। अब तक 102 ग्रोथ सेंटर बनाये जा चुके हैं। ग्रोथ सेंटरों के माध्यम से पिछले 6 माह में 6 करोड़ का व्यवसाय हुआ है। जिसमें लोगों को 60 लाख का शुद्ध लाभ हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने कई उद्यमी महिलाओं का भी जिक्र किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे युवाओं को भी स्वरोजगार के क्षेत्र में ध्यान देना होगा। इसके लिये राज्य सरकार द्वारा पूरा सहयोग दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही विभागों को 3 लाख का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जायेगा। अभी स्वयं सहायता समूहों को 5 लाख का ऋण बिना ब्याज के उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार के तहत 10 हजार युवाओं को रोजगार दिये जाने का लक्ष्य है। इसके अलावा पिरूल से फ्यूल व पेलेट्स बनाने तथा ऊर्जा उत्पादन की योजनायें भी विभिन्न स्वरोजगार योजनायें संचालित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एडवेंचर टूरिज्म भविष्य के पर्यटन का सबसे बड़ा आयाम है। टिहरी व विलखेत में इसकी व्यापक संभावनायें हैं। हिमालय का यह क्षेत्र जड़ी-बूटी उत्पादन के लिये भी आदर्श क्षेत्र है। इस दिशा में भी बेहतर वातावरण बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धर्म युद्ध की तरह हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं। एन.एच 74 में सामने आये घोटाले की जांच आरंभ की गई इसमें दोषी पाये गये अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई जबकि अनेक लोगों से वसूली की कार्यवाही गतिमान है।
विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेम चन्द अग्रवाल ने कहा कि जानकी सेतु के लोकार्पण का लंबे समय से लोग इंतजार कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में उत्तराखण्ड सतत विकास की ओर आगे बढ़ रहा है। सड़कों पुलों, बिजली व पेयजल के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेशवासियों को छट पूजा की शुभकामनाएं भी दी।
कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि 14 वर्ष के लंबी यात्रा के बाद आज जानकी पुल का मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा लोकार्पण किया गया। इस पुल लोकार्पण केवल आवागमन का ही माध्यम नहीं है। नौजवानों को रोजगार की संभावनाओं को बलवती बनाना भी है। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विविध विविधताओं को समेटे हुए है। योग, एडवेंचर टूरिज्म एडवेंचर स्पोर्ट्स, ईको टूरिज्म की दृष्टि से भी यह महत्वपूर्ण क्षेत्र है। प्रदेश में ऑल वेदर रोड का जो कार्य चल रहा है। यह व्यापार एवं टूरिज्म के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साबित होगा।
विधायक श्रीमती ऋतु खण्डूड़ी ने कहा कि जानकी सेतु ऋषिकेश एवं यमकेश्वर क्षेत्र के लिए विश्वास, आस्था एवं सपनों को यथार्थ करने का प्रतीक है। यह पुल उत्तराखण्ड में आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र एवं सुविधाजनक होगा।