वाशिंगटन, अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य वापसी के साथ एक अध्याय का अंत हो गया। इसके साथ ही एक नये अध्याय की शुरुआत भी हुई है। अफगानिस्तान में अमेरिका का सैन्य मिशन पूरी तरह समाप्त हो गया है और राजनयिक मिशन की शुरुआत होगी। उधर, तालिबान के समक्ष अपनी वैधता को हासिल करने की बड़ी चुनौती होगी। यह इस पर निर्भर होगा कि तालिबान अपने नागरिकों के प्रति कितना प्रतिबद्ध है। वह अपने दायित्वों को कितना पूरा करते हैं। इस मौके पर अमेरिकी विदेश मंत्री एंथनी ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्ण वापसी के बाद वहां से लोगों को निकालना अमेरिका के लिए बड़ी चुनौती थी। उन्होंने इसे बड़े पैमाने पर एक सैन्य, राजनयिक और मानवीय अभियान बताया।
नागरिकों में भय और असमंजस का वातावरण
प्रो. हर्ष पंत ने कहा कि वर्षों युद्ध के बाद अफगानिस्तान एक अनिश्चितता के दौर में है। नागरिकों में इस बात का भय और असमंजस बना हुआ है कि अब आगे क्या होगा। उन्होंने कहा – हालांकि, तालिबान एक बेहतर शासन का आश्वासन दे चुका है, लेकिन उसके पूर्व के शासन को देखते हुए लोगों में भय जरूर व्याप्त होगा। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में अफगानिस्तान से हजारों अफगानों के लिए आने वाले दिनों में अनिश्चिता का दौर है। अफगानिस्तान में रहने वाले 3.80 करोड़ अफगानों के लिए तालिबान किस तरह का शासन लागू करेंगे। इसे लेकर भी संदेह और शंका है। उन्हें यह भय है कि क्या वे उन कठोर नियमों और दंडों को वापस लाएंगे, जो बीते शासन के दौरान उनकी पहचान बन गए थे।
अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में चिंता बढ़ी
यह चिंता अफगानिस्तान के ग्रामीण इलाकों में है। तालिबान पहले से कहीं अधिक खतरनाक हो सकता है। अमेरिकी सैन्य शासन में अफगानिस्तान की लड़कियों को थोड़ी सी आजादी मिली थी, क्योंकि पश्चिमी गठबंधन सेना ने यहां शिक्षा को प्रोत्साहित किया था। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या अब उन लड़कियों का उस तरह की आाजादी हासिल होगी। अमेरिका के लिए भले ही उसका सबसे लंबा युद्ध समाप्त हो गया हो, लेकिन निश्चित तौर पर अफगानों की जंग जारी है।
अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्ण वापसी का काम पूरा
अमेरिका के आखिरी सैन्य विमान के उड़ान के साथ अफगानिस्तान से अमेरिका की पूर्ण वापसी का काम पूरा हो गया। अमेरिका का अंतिम सी-17 विमान मंगलवार आधी रात के तुरंत बाद ही अमेरिकी राजदूत के साथ काबुल से रवाना हो गए। अफगानिस्तान में 20 साल तक चले सैन्य मिशन का इसी के साथ अंत भी हो गया। अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक तस्वीर जारी की है। इसमें कहा गया है कि अफगानिस्तान छोड़ने वाले ये आखिरी अमेरिकी सैनिक हैं। अफगानिस्तान से जैसे ही अमेरिका का अंतिम विमान रवाना हुआ काबुल एयरपोर्ट और काबुल की सड़कों पर तालिबान ने गोलियां दागकर जश्न मनाया।
लगभग सवा लाख नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों के गठबंधन ने कुल मिलाकर लगभग सवा लाख नागरिकों को अफगानिस्तान से बाहर निकाला है। इस तरह रोज करीब सात हजार नागरिकों को बाहर निकाला गया। ब्लिंकन ने कहा है कि सभी अमेरिकी प्रतिनिधि काबुल छोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब दोहा में अफगानिस्तान के लिए एक राजनयिक कार्यालय स्थापित करेगा। यह कार्यालय अफगानिस्तान छोड़ने के इच्छुक अमेरिकियों और अमेरिकी पासपोर्ट धारक अफगान नागरिकों को अफगान छोड़ने में मदद करने के प्रयास को जारी रखेगा।