बैंककर्मी अपनी मांगों को लेकर 31 जनवरी और एक फरवरी को हड़ताल पर रहेंगे। इससे पहले भी आठ जनवरी को भारत बंद के दौरान करीब छह बैंक यूनियनों ने हड़ताल की थी, उस दिन ज्यादातर बैंक बंद रहे थे और जो खुले थे, वहां भी कामकाज पर असर पड़ा था। अगर आपका भी बैंक से जुड़ा कोई काम है, तो 31 जनवरी से पहले निपटा लें।
लगातार तीन दिन बैंक बंद रहने से बढ़ेंगी मुसीबतें
31 जनवरी को शुक्रवार है। एक फरवरी को शनिवार है। इन दोनों ही हड़ताल रहेगा। वहीं दो फरवरी को रविवार है। इसलिए लगातार तीन दिन तक बैंक बंद रहे तो ब्रांच में कामकाज पर बहुत ज्यादा असर पड़ेगा। एटीएम में भी कैश की किल्लत बढ़ सकती है। हालांकि हड़ताल के दौरान नेट बैंकिंग के सामान्य रूप से काम करने की संभावना है।
मांगें न मानने पर हर महीने होगी हड़ताल
बैंक यूनियनों का कहना है कि अगर उनकी मांग पर मार्च तक कोई फैसला नहीं आया तो बैंक कर्मचारी एक अप्रैल से अनिश्चतकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इससे पहले यूनियनों ने लगातार तीन दिन 11, 12 और 13 मार्च को भी हड़ताल करने का फैसला किया है।
ये हैं बैंक यूनियनों की मांगें
वेतन में कम से कम 20 फीसदी की वृद्धि की जाए।
बैंकों में हफ्ते में स्थायी तौर पर पांच दिन ही काम हो।
बेसिक पे में स्पेशल भत्ते का विलय हो।
एनपीएस खत्म की जाए।
परिवार को मिलने वाली पेंशन में सुधार।
स्टाफ वेलफेयर फंड का परिचालन लाभ के आधार पर बांटना।
रिटायर्ड होने पर मिलने वाले लाभ को आयकर से बाहर करना।
कांट्रैक्ट और बिजनेस कॉरेस्पांडेंट के लिए समान वेतन।