भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक बार फिर यूपी गेट पर किसानों की संख्या में इजाफा

नई दिल्ली तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों के विरोध में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर आगामी 27 सितंबर को भारत बंद का एलान किया गया है। इस बाबत संयुक्त किसान मोर्चा के साथ-साथ भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत की सक्रियता भी बढ़ गई है। पिछले कई दिनों से किसान नेता राकेश टिकैत यूपी गेट पर धरनारत किसान प्रदर्शनकारियों के बीच मौजूद हैं और 27 सितंबर को आयोजित भारत बंद को सफल बनाने की रणनीति पर काम हो रहा है।

शुरू हुआ बैठकों का दौर

भारत बंद को सफल बनाने की रणनीति के तहत भारतीय किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा ने बैठकों का दौर तेज कर दिया है। पिछले दिनों गाजीपुर बार्डर पर आंदोलन कमेटी की बैठक में निर्णय लिया गया कि गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के जिलों में ब्लॉक स्तर पर बैठक करके रोटेशन व्यवस्था लागू की जाएगी। इसके साथ ही इस व्यवस्था को और मजबूत किया किया जाएगा।

यूपी बार्डर पर बढ़ सकती है किसानों की संख्या

बताया जा रहा है कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए एक बार फिर यूपी गेट पर किसानों की संख्या में इजाफा हो सकता है। अब तक जितने भी भारत बंद हुए हैं, वह दिल्ली-एनसीआर में बेअसर साबित हुए हैं। BKU और SKM ने भी दिल्ली में भारत बंद कराने पर जोर नहीं दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि किसान दिल्ली को भारत बंद से मुक्त रख सकते हैं। वहीं, भारत बंद के मद्देनजर यूपी बार्डर के अलावा शाहजहांपर,टीकरी और सिंघु बार्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों में इजाफा हो सकता है।

इस बाबत संयुक्त किसान मोर्चा के गाजीपुर बॉर्डर पर मौजूद प्रवक्ता किसान नेता जगतार सिंह बाजवा ने बताया कि उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश के जिलों में 11 तारीख से ही बैठकों का दौर प्रारंभ हो गया है, जिसमें किसानों मजदूरों ने सरकार के रवैये को देखते हुए लंबी लड़ाई का मन बना लिया है। उन्होंने जानकारी दी है कि आंदोलन के साथ-साथ खेती भी जारी रहे, इसलिए क्षेत्रवार रोटेशन व्यवस्था बनाई गई है।

जगतार सिंह बाजवा की मानें तो संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर भारत बंद शांतिपूर्वक होगा। इस दौरान  यानी 27 सितंबर को किसी भी तरह की हिंसा भारत बंद के दौरान नहीं हो, इसका भी पुख्ता इंतजाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बंद के दौरान आंदोलन को बदनाम करने के उद्देश्य से साजिशन हिंसा कराने की फिराक में जो लोग होंगे उन पर कड़ी नजर रखी जाएगी।

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