आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया और समन्वय ज़रूरी: जिलाधिकारी

भूकंप राहत तैयारी को परखने हेतु जिले में व्यापक मॉक ड्रिल संपन्न

पौड़ी-  शनिवार को राज्य स्तर पर भूकंप जैसी आपदा से निपटने की तैयारियों का मूल्यांकन करने के लिए व्यापक मॉक अभ्यास आयोजित किया गया। जनपद पौड़ी में भी यह अभ्यास आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर स्वयं मुख्य सचिव आनंद वर्धन इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे।

मॉक अभ्यास के तहत सुबह 9:56 बजे श्रीनगर स्थित एनआईटी मैदान के स्टेजिंग एरिया को स्वीत गाँव में भूकंप आने और जनहानि की आशंका की सूचना मिली। संबंधित टीमों ने बिना विलंब के राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया।

इसी दौरान सुबह 10:18 बजे न्यू बस अड्डा पौड़ी स्थित स्टेजिंग एरिया को मैसमोर इंटर कॉलेज का भवन भूकंप से ध्वस्त होने और छात्र फंसे होने की सूचना मिली। सूचना पर तत्परता से प्रतिक्रिया देते हुए एसडीआरएफ, फायर सर्विस, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीमें तुरंत बचाव कार्य हेतु मौके पर पहुंची और त्वरित खोज एवं राहत कार्य प्रारंभ किया।

मॉक ड्रिल के दौरान कलेक्ट्रेट स्थित नियंत्रण कक्ष से जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया ने स्वयं पूरे अभ्यास की निगरानी की। उन्होंने लगातार विभागीय अधिकारियों से अपडेट प्राप्त किए और राहत कार्यों के समन्वय एवं समयबद्धता का आकलन किया।

जिलाधिकारी ने कहा कि आपदा के समय त्वरित प्रतिक्रिया और विभागों के बीच बेहतर तालमेल अनिवार्य है। यह मॉक ड्रिल वास्तविक परिस्थितियों के लिए तैयार रहने और संभावित कमजोरियों को पहचानने में मदद करती है।

उन्होंने सभी विभागों को निर्देशित किया कि राहत उपकरणों, मानव संसाधन और संचार प्रणाली की नियमित जांच सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी आपात स्थिति में देरी नहीं हो। मॉक ड्रिल में पुलिस, एसडीआरएफ, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व, फायर सर्विस, नगर निकाय तथा अन्य विभागों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

पौड़ी और श्रीनगर दोनों स्थानों में एक साथ भूकंप की स्थिति का सिमुलेशन किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों ने रेस्क्यू, राहत एवं उपचार की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन किया।

पौड़ी स्थित मैसमोर इंटर कॉलेज में मॉक ड्रिल के दौरान 80 छात्र–छात्राएं मौजूद थे। भूकंप आने की काल्पनिक स्थिति में 8 छात्र घायल हो गए। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस, फायर सर्विस और स्वास्थ्य विभाग की टीमें मौके पर पहुँचीं। राहत कार्य के दौरान 2 छात्रों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि एक गंभीर छात्र को हेली सेवा के माध्यम से ऋषिकेश एम्स भेजा गया। अन्य घायलों का प्राथमिक उपचार स्कूल परिसर में ही किया गया।

इसी दौरान टेका मार्ग पर 33 केवी विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी, जिससे पौड़ी–सतपुली की बिजली आपूर्ति बाधित हो गयी। फायर सर्विस और वन विभाग की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित किया। इस दौरान वन विभाग का एक कार्मिक घायल हुआ, जिसे जिला अस्पताल ले जाया गया। विद्युत आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में श्रीनगर लाइन से विद्युत आपूर्ति बहाल की गयी। पौड़ी में पूरे राहत एवं बचाव अभियान की निगरानी इंसिडेंट कमांडर एवं संयुक्त मजिस्ट्रेट दीक्षिता जोशी ने की।

वहीं श्रीनगर में मॉक ड्रिल के दौरान सूचना मिली कि भूकंप से कीर्तिनगर का पुल ध्वस्त हो गया है। इसके बाद पुलिस प्रशासन ने रूद्रप्रयाग और चमोली से आने वाले वाहनों को पौड़ी–सबदरखाल–देवप्रयाग मार्ग से डायवर्ट किया। इसी क्रम में श्रीकोट स्थित विशाल मेगा मार्ट मॉल में सौर शॉर्ट सर्किट होने से लिफ्ट बंद हो गयी, जिसमें 20 लोग फंस गए थे। राहत एवं बचाव दल ने सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

श्रीनगर के स्वीत गांव में भूकंप से चार मकान क्षतिग्रस्त होने की सूचना पर राहत टीमें मौके पर पहुँचीं। यहां 18 लोग घायल हुए, जिन्हें श्रीनगर बेस अस्पताल पहुंचाया गया। अस्पताल में आईसीयू वार्ड को भी क्षतिग्रस्त दिखाया गया, जिसमें 17 मरीज थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 12 मरीजों को आपातकालीन वार्ड में, जबकि 5 मरीजों को मिनी आईसीयू में शिफ्ट किया। श्रीनगर क्षेत्र के राहत एवं बचाव कार्यों की कमान इंसिडेंट कमांडर एवं उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा ने संभाली।

इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल सिंह गर्ब्याल, पीडी डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, सीओ तुषार बोरा, सीएमओ शिव मोहन शुक्ला, अर्थ एवं संख्याधिकारी राम सलोने सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.