मथुरा। भाजपा के संकल्प पत्र के तीन बिंदु रहे हैं…अयोध्या, मथुरा और काशी। यहां भव्य मंदिर बनें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को स्पष्ट कर दिया कि अयोध्या, काशी बदल गए हैं। अब मथुरा में दिव्यता से दर्शन का लक्ष्य बाकी है। जिस पर आगे बढ़ने की तैयारी है। मोदी ने मां गंगा के पुराने संवाद को दोहराते हुए अबकी बार स्वयं को कृष्ण से जोड़ा।
कृष्ण के द्वारकाधीश बनने में गुजरात की भूमिका की याद दिलाई। प्रधानमंत्री बनने के बाद चौथी बार मथुरा पहुंचे नरेन्द्र मोदी मीराबाई की 525 वीं जयंती समारोह के मंच से बोले कि यहां वही आता है, जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं। यह कहते हुए स्वयं को कृष्ण भक्त बताया। साथ ही तीन राज्यों यानी उप्र, राजस्थान और हरियाणा में फैले ब्रज क्षेत्र को संवारने की बात कही।
मोदी ने ऐसा कहकर राजस्थान की उप्र सीमा से जुड़ी सीटों पर भाजपा को अतिरिक्त दम दे दिया। संवाद के प्रारंभ में कहा भी कि राजस्थान के चुनावी मैदान से आया हूं। मीराबाई की भक्ति से राजस्थान के पराक्रम को जोड़ा। मीराबाई और मथुरा से गुजरात का रिश्ता स्थापित किया, तो कृष्ण और गुजरात का भी।
2014 में केंद्रीय राजनीति में आने के बाद काशी में चुनाव से पहले मुझे मां गंगा ने बुलाया है, कहने वाले मोदी ने कहा कि यहां वही आता है, जिसे श्रीकृष्ण बुलाते हैं। इसके आगे काशी के विश्वनाथ धाम की बदली तस्वीर याद दिलाते हुए कहा, अब अयोध्या में राम मंदिर की तिथि आ गई। मंच से प्रधानमंत्री ने विपक्ष को भी आड़े हाथों लिया।
पीएम मोदी ने कहा, आजादी के बाद कुछ लोग भारत को अतीत से काटना चाहते थे, लेकिन हम विरासत पर गर्व करते हैं। मोदी ने संबोधन का समापन भी श्रीकृष्ण से जोड़ते हुए नए अंदाज में किया। बोले, महाभारत प्रमाण है कि जब पुनरुत्थान होता है तो वहां श्रीकृष्ण का आशीर्वाद होता है। हम उन्हीं के आशीर्वाद से संकल्प को पूरा करेंगे।
मोदी का कार्यक्रम ऐसे समय में हुआ, जब हाई कोर्ट ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर कारिडोर बनाए जाने के लिए हरी झंडी दे चुका है। मथुरा और वृंदावन में विकास की तस्वीर बदलने की आस भी मोदी के संबोधन से जोड़ी जा रही है। बता दें कि राजस्थान के शाही राजपूताना परिवार से संबंध रखने वाली मीराबाई का कान्हा की नगरी से अटूट नाता है। वे भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं और अपने जीवन के अंतिम 15 वर्ष उन्होंने कान्हा की नगरी में उनकी आराधना करते हुए गुजारे। मीराबाई (Rajasthan Elections 2023) का वृंदावन में मंदिर भी है।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान में 32 साल बाद दर्शन
भले ही प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी ने श्रीकृष्ण जन्म स्थान के दर्शन पहली बार किए हों, लेकिन 32 साल पहले मोदी यहां आए थे। 1991 में भाजपा के संगठन मंत्री के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में आए थे। तब उन्होंने श्रीकृष्ण जन्मस्थान के गर्भगृह में दर्शन किए थे।
हेमा की नाटिका से जीवंत हो उठीं गिरधर की मीरा
गुरुवार की शाम जब गोपाल की धरती पर मीरा बनकर सांसद हेमा मालिनी ने नृत्य नाटिका प्रस्तुत की, ब्रज की भूमि पर पांच सौ वर्षों बाद फिर एक बार मीराबाई जीवंत हो उठीं। करीब डेढ़ घंटे की ये नृत्य नाटिका देख प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी मंत्रमुग्ध हो गए। हेमा की हर भाव भंगिमा मीरा की याद दिलाती रही।