हल्द्वानी के 50 हजार लोगों की जिंदगी पर संकट! हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ आज सुनवाई

हल्द्वानी, उत्तराखंड के हल्द्वानी के करीब 50 हजार लोगों के लिए आज का दिन अहम है। बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। आज सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर बने आशियानों पर बुलडोजर चलेगा या नहीं।

हाईकोर्ट ने दिया है अतिक्रमण हटाने का आदेश

रेलवे का दावा है कि उसकी 78 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा है। रेलवे की जमीन पर 4365 कच्चे-पक्के मकान बने हैं। हाईकोर्ट ने 20 दिसंबर को रेलवे की जमीन पर अवैध अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। अतिक्रमण ध्वस्त करने से पहले ही मुस्लिम बहुल इलाके बनभूलपुरा में निषेधाज्ञा लागू हो जाएगी। साथ ही 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स, पांच कंपनी आरपीएफ व आरएफ समेत पीएसी व भारी पुलिस बल चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेगी।

पुलिस ने जमा कराए लाइसेंसी हथियार

तनाव को देखते हुए पुलिस आमजन के हथियार लेकर पहुंचने या एकत्रित होने पर भी पाबंदी लग जाएगी। पुलिस ने क्षेत्र के 216 लोगों से लाइसेंसी हथियार भी जमा करा लिए हैं। नैनीताल के एसएसपी पंकज भट्ट के ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश का पालन किया जा रहा है। तैयारियां पूरी हैं।

विभिन्न संगठनों का धरना

प्रभावित परिवारों के समर्थन में कई संगठनों ने बुधवार को बुद्ध पार्क में धरना दिया। संगठनों ने कहा कि मानवीय व नैतिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए। कांग्रेस, सपा, बसपा समेत विभिन्न मुस्लिम संगठनों से जुड़े बाहरी लोग भी यहां पहुंचने लगे हैं। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर सपा का प्रतिनिधिमंडल बुधवार को बनभूलपुरा पहुंचा। मुरादाबाद के सांसद एसटी हसन के नेतृत्व में दो घंटे तक लोगों से मुलाकात की गई। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को संसद में उठाया जाएगा। जरूरत पड़ने पर स्थानीय लोगों के प्रतिनिधिमंडल की रेल मंत्री और पीएम से भी मुलाकात करवाई जाएगी।

50 साल पुराना है रेलवे भूमि पर कब्जा

बताया जाता है कि बनभूलपुरा व गफूर बस्ती में रेलवे की भूमि पर 50 साल पहले अतिक्रमण शुरू हुआ था। अतिक्रमण अब रेलवे की 78 एकड़ जमीन पर फैल गया है। स्थानीय लोगों का दावा है कि वे 50 साल से भी अधिक समय से यहां रह रहे हैं। उन्हें वोटर कार्ड, आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली, पानी, सड़क, स्कूल आदि सभी सुविधाएं भी सरकारों ने ही दी हैं। लोग सभी सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठा रहे हैं। पीएम आवास योजना से भी लोग लाभान्वित हो चुके हैं। दावा है कि वे नगर निगम को टैक्स भी देते हैं। इनमें मुस्लिम आबादी की बहुलता है।

2007 में भी दिया था अतिक्रमण हटाने का आदेश

साल 2007 में भी हाईकोर्ट ने रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। इसके बाद 2013 में हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल हुई। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य संपदा अधिकारी पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल में 2018 से सुनवाई शुरू हुई थी। रेलवे के अनुसार अतिक्रमण की जद में आए 4365 वादों की सुनवाई के दौरान कोई भी अतिक्रमणकारी कब्जे को लेकर ठोस सबूत नहीं दिखा पाया। किसी के पास भी जमीन संबंधित कागजात नहीं मिले।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.