लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लोक भवन में 16 जुलाई से आयोजित किए जा रहे भूजल सप्ताह का समापन किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने ही इसका शुभारंभ भी किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन में भूजल सप्ताह के समापन कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि भूजल संचयन और संवर्धन का दीर्घकालिक लाभ मिल रहा है। राज्य सरकार की ओर से किए गए प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विगत पांच वर्ष में हमको इस प्रक्रिया से 60 से अधिक नदियों को पुनर्जीवित करने में हमें मदद मिली है। कभी संबंधित क्षेत्रों की कृषि व्यवस्था के लिए जीवनधारा रहीं यह नदियां समाज की लापरवाही के कारण लुप्तप्राय हो गई थीं। हम सब के समय समन्वित प्रयासों से यह नदियां पुनर्जीवित हुई हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की भूमि सर्वाधिक उर्वरा इसलिए रही है क्योंकि हमारे पास भूजल के अपार भंडार के साथ सतही जल का भी वृहद भंडार था। जिस तेजी से आबादी बढ़ी, लोगों की दैनिक जरूरतों, सिंचाई और औद्योगिक उत्पादन की आवश्यकताओं के कारण जिस तेजी से भूजल का अति दोहन हुआ, उसकी तुलना में भूजल संचयन और संवर्धन के प्रयास बीच के कालखंड में नहीं किए गए। लापरवाही के कारण हमारे ब्लॉक तेजी से डार्क जोन में बदलते गए। 2000 में प्रदेश के अंदर जितने ब्लॉक अति क्रिटिकल की श्रेणी में थे, मात्र 17-18 वर्षों में उनकी संख्या कई गुना बढ़ी। बीते चार-पांच वर्षो में प्रदेश में किए गए प्रयासों से कई ब्लॉक अति क्रिटिकल से सामान्य श्रेणी में परिवर्तित हो सके हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भूगर्भीय जल के संरक्षण संवर्धन के साथ हमें वर्षा जल की हर बूंद को बचाने का प्रयास करना होगा। प्रदेश में अमृत सरोवर बनाने की प्रक्रिया बहुत तेजी के साथ आगे बढ़ी है।हमने अब तक उत्तर प्रदेश में कई अमृत सरोवर बनाने में सफलता प्राप्त की है। ग्रामीण व शहरी दोनों क्षेत्रों में कार्य स्वतः स्फूर्त भाव के साथ होता हुआ दिखाई दिया। ‘जल है तो जीवन है’।
जल और जीवन के बीच के इस भाव को हर व्यक्ति समझता है, लेकिन इसके उचित प्रबंधन के बारे में जो प्रयास होने चाहिए, उसमें व्यक्ति चूक जाता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने भूजल एटलस का विमोचन किया। वर्षा जल संचयन और संवर्धन के क्षेत्र में विशिष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों और संस्थाओं को उन्होंने कार्यक्रम में सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज समापन समारोह में मुझे इस क्षेत्र में कार्य करने वाले विशिष्ट महानुभावों को सम्मानित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। मैं इस अवसर उन्हें बधाई देता हूं व प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष भागीदारी के माध्यम से इस कार्यक्रम को सफल बनाने वाले सभी महानुभावों का अभिनंदन करता हूं। 16 से 22 जुलाई तक आयोजित हो रहे इस भूजल सप्ताह के दौरान 17 जुलाई को लखनऊ से 10 जनपदों के 26 विकास खंडों के 550 ग्राम पंचायतों में जाने वाले भूजल रथ का शुभारम्भ करने का भी अवसर मुझे प्राप्त हुआ था। जल संरक्षण व जल के उचित प्रबंधन के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को प्रतिवर्ष हमारी सरकार भूजल सप्ताह के रूप में आयोजित करती है।
कार्यक्रम में जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने भूगर्भ जल और वर्षा जल संचयन के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र की परिस्थिति के अनुसार हर गांव का वाटर सेक्योरिटी प्लान बनाया जा रहा है। भूजल सप्ताह के समापन कार्यक्रम में जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद मौजूद थे पर इस्तीफा देकर खलबली मचाने वाले जलशक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक मौजूद नहीं थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ कल से बातचीत के बाद वह रात को ही दिल्ली चले गए थे।