मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में दिए आवेदन का पुलिस 72 घंटे में निस्तारण करेगी। राजस्व संबंधित या लंबे समय से चल रहे विवाद जुड़े मामले को भी सुलझाने का सार्थक प्रयास किया जाएगा। एडीजी जोन ने इसको लेकर अधिकारियों के साथ ही थानेदार की जवाबदेही तय करने के लिए कार्ययोजना तैयार की है।
एडीजी ने की शिकायतों की समीक्षा
15 मई मुख्यमंत्री के जनता दर्शन में कुल 50 शिकायतें पुलिस से संबंधित आई थी। जिसमें विवेचना में कार्रवाई न होने की 19, मुकदमा दर्ज न होने की नौ, जमीन से संबंधित 10 और अन्य मामलों से जुड़ी 12 शिकायतें थीं। सभी मामले की समीक्षा करने के बाद एडीजी ने निर्देशित दिया है कि जनता दर्शन में आने वाली शिकायत को हर हाल में 24 घंटे के भीतर संबंधित सीओ कार्यालय में भेज दिया जाए। शिकायत मिलते ही संबंधित सीओ व्हाटसएप के जरिए संबंधित बीट पुलिसकर्मी को शिकायत भेज दें।
घर पहुंचेगा बीट सिपाही
शिकायत मिलने के 24 घंटे के भीतर बीट सिपाही शिकायतकर्ता के घर पहुंचे और जानकारी जुटाकर सीओ को अपनी जांच रिपोर्ट से अवगत कराए। साथ ही रिपोर्ट की एक प्रति हल्का दारोगा, चौकी प्रभारी और थानेदार को भेजे।विवेचना में लापरवाही की शिकायत है तो विवेचक 24 घंटे के भीतर पीड़ित के घर जाएंगे। उन्हें अबतक की हुई कार्रवाई के बारे में उन्हें बताएंगे और आगे की कार्रवाई करने का भरोसा दिलाकर उन्हें संतुष्ट करेंगे। अगर वादी की शिकायत अनुचित होगी उसे तत्काल अपनी आख्या सीओ को भेजेंगे।
विवेचक के ऊपर मामले को सुलझाने की जिम्मेदारी
साथ ही विवेचक तीसरे दिन पीड़ित के साथ सीओ के सामने पेश होंगे और विवेचना की पूरी कार्रवाही से सीओ को अवगत कराएंगे।इसके अलावा जहां मुकदमा दर्ज न करने या अन्य शिकायतें है उसमें अगर मामला सही हो तो तत्काल कार्रवाई कराएं। जो मामले मुकदमा दर्ज करने लायक न हो उसे समझौते से हल कराएं।
जमीन से जुड़े मामले समाधान दिवस पर होंगे निस्तारित
एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि जमीन जुड़े मामले की जांच करके बीट सिपाही उससे थाना प्रभारी को अवगत कराएंगे।समाधान दिवस के लिए रजिस्टर में दर्ज कराकर राजस्व विभाग की टीम के साथ मौके पर जाकर निस्तारण कराएंगे।
आवेदक के असंतुष्ट होने पर एडीजी करेंगे समीक्षा
जिले के कप्तान 72 घंटे के भीतर कार्रवाई व जांच से रेंज कार्यालय को अवगत कराएंगे। जहां से शिकायतकर्ता को फोन कर फीडबैक लिया जाएगा। जिन मामलों में आवेदक संतुष्ट नहीं होंगे उन मामलों को जोन कार्यालय में भेजा जाएगा। जिसके बाद उन मामलों की समीक्षा जोन कार्यालय से होगी।