पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ आज भाजपा में शामिल, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जाखड़ को पार्टी की सदस्यता दिलवाई

कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ आज भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने जाखड़ को पार्टी की सदस्यता दिलवाई। जानकारी के अनुसार, जाखड़ के भाजपा में शामिल होने का फैसला कल ही हो गया था। कांग्रेस को गुड बाय कहने वाले जाखड़ ने बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ दिल्ली में मुलाकात की थी। जाखड़ इन दिनों दिल्ली में ही हैं। सुनील जाखड़ के भाजपा में शामिल होने से कांग्रेस को गुजरात के बाद पंजाब में बड़ा झटका लगा है

दिल्ली में पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा दिलवाई पार्टी की सदस्यता, कल गृह मंत्री अमित शाह से मिले थे जाखड़

भाजपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ का पार्टी में स्‍वागत किया। जेपी नड्डा ने उनको भाजपा का पटका पहना कर फूलों का गुलदस्‍ता दिया। जेपी नड्डा ने कहा कि सुनील जाखड़ जैसे नेता का भाजपा में शामिल होना स्‍वागत योग्‍य और बड़ा कदम है। पंजाब में राष्‍ट्रवादी सोच के लोगों के लिए सबसे बड़ी पार्टी है और सुनील जाखड़ ऐसे ही नेता हैं। पंजाब में राष्‍ट्रवादी ताकतों को मजबूत करने की जरूरत है। जाखड़ की पार्टी से अलग और खास छवि है।

सुनील जाखड़ ने कहा कि मैं 50 साल का कांग्रेस से रिश्‍ता तोड़ कर भाजपा में शामिल हुआ हूं। 50 साल पुराना रिश्‍ता तोड़ना आसान नहीं था, लेकिन सवाल यह है कि इसका क्‍या कारण हुआ। सवाल राष्‍ट्रीयता और पंजाब के भाईचारे की परंपरा को नुकसान पहुंंचाने की कोशिश की थी।  यह रिश्‍ता किसी व्‍यक्ति के कारण नहीं टूटा, बल्कि सवाल उसूलों का था।

माना जा रहा है कि जाखड़ के भाजपा में शामिल होने से पार्टी को पंजाब में मजबूती मिली है। जानकारी के अनुसार भाजपा जाखड़ को राज्य सभा भी भेज सकती है। हालांकि, इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है। भाजपा जाखड़ से यह अपेक्षा रखती है कि वह पंजाब संभालें। सूत्रों की मानें तो लंबे समय तक प्रदेश की राजनीति करने वाले जाखड़ अब राष्ट्रीय राजनीति में हाथ आजमाना चाहते हैं।

सूत्र बताते हैं कि भाजपा जाखड़ को राज्य सभा में भेज कर प्रदेश में भी उनको अहम भूमिका दे सकती है। इसका प्रमुख कारण यह है कि पंजाब में भले ही भाजपा विधान सभा चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करवा सकती हो, लेकिन यह उपस्थिति पार्टी के उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी थी।

बता दें कि सुनील जाखड़ ने बीते शनिवार को ही पार्टी को गुड बाय कह दिया था। सुनील जाखड़ कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से तब से ही नाराज चल रहे थे, जब राहुल गांधी की ‘मंजूरी’ के बावजूद वह पंजाब के मुख्यमंत्री इसलिए नहीं बन पाए, क्योंकि वह हिंदू थे। कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने अंतिम समय पर यह कह कर स्थिति बदल दी कि अगर किसी हिंदू को मुख्यमंत्री बनाया गया तो पंजाब में आग लग जाएगी।

सूत्र बताते हैं कि जाखड़ की नाराजगी राहुल गांधी को लेकर है। जाखड़ का कहना है कि राहुल गांधी कभी भी फैसला नहीं ले पाते। राहुल उस समय जाखड़ के साथ नहीं खड़े दिखाई दिए, जब कांग्रेस का एक वर्ग उन्हें मुख्यमंत्री बनने से रोकने में जुटा था। यही कारण है कि शनिवार को फेसबुक पर लाइव होकर भी जाखड़ ने कहा,  ‘अब तो पार्टी से उन्हें निकालने का फैसला कर ले।’

सुनील जाखड़ के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी अच्छे संबंध है। यह संबंध तब से ही चले आ रहे है जब उनके पिता स्वर्गीय बलराम जाखड़ मध्यप्रदेश के राज्यपाल होते थे। उन्हें कुछ समय के लिए गुजरात के राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई थी। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

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