प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो मई से जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे। इस दौरान वो करीब 25 अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल होंगे। उनका ये तीन दिवसीय दौरा बेहद महत्वपूर्ण है। पीएमओ से मिली जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी इस दौरान सात राष्ट्राध्यक्षों के आठ नेताओं के साथ द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठके करेंगे। इस दौरे में वो विभिन्न देशों के व्यवसायियों से भी मुलाकात करेंगे। इसका मकसद उन्हें भारत में निवेश को लेकर उत्साहित करना है।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले जर्मनी जाएंगे, उसके बाद डेनमार्क और फिर चार मई को वापसी में कुछ समय के लिए पेरिस में रुकेंगे। पीएम जर्मनी और डेनमार्क में एक-एक रात बिताएंगे। बर्लिन में वो सोमवार को ही भारतीय समुदाय को संबोधित भी करेंगे। इस कार्यक्रम के वोलेंटियर राजेश नायर का कहना है कि वो इस इवेंट को लेकर काफी उत्साहित हैं। इसके पीएम मोदी के संबोधन के अलावा कुछ कल्चरल प्रोग्राम भी होंगे। नायर ने कहा कि जर्मनी में रहने वाले भारतीय पीएम मोदी को सुनने और देखने के लिए बेताब हैं।
उनका ये दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब रूस और यूक्रेन का युद्ध तीसरे माह में चल रहा है। इस जंग में दोनों को ही जानमाल का नुकसान उठाना पड़ा है। यूक्रेन की ही बात करें तो इस युद्ध की वजह से 40 लाख से अधिक लोग शरणार्थी हैं और अरबों की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
रूस और युक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए हैं। भारत पर भी इसको लेकर जबरदस्त दबाव है। भारत चाहता है कि इस मसले का समाधान बातचीत से किया जाना चाहिए। इस मसले पर यूएनजीए और सुरक्षा परिषद में रूस के खिलाफ लाए प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत नदारद रहा है। भारत ने इस मुद्दे पर तटस्थ रहने का फैसला किया है।