उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम तथा चिकित्सा, स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री ब्रजेश पाठक का अस्पतालों का लगातार औचक निरीक्षण जारी है। उप मुख्यमंत्री पाठक मंगलवार को मरीज बनकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी की ओपीडी में पहुंचे और लाइन में लगकर पर्चा बनवाया। मास्क लगा होने के कारण पहले तो लोग उनको पहचान नहीं पाए, लेकिन जब यूनिवर्सिटी प्रशासन को पता चला तो वहां पर खलबली मच गई। करीब एक घंटे के निरीक्षण के दौरान ब्रजेश पाठक ने वहां पर कई कमियां मिलने के बाद जिम्मेदार चिकित्सों तथा अधिकारियों को फटकार भी लगाई।
मरीज बनकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंचे ब्रजेश पाठक ने मास्क लगाकर ओपीडी काउंटर पर पर्चा बनवाया। बिना एस्कार्ट और सुरक्षा के ओपीडी पहुंचे उपमुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री ने ट्रामा सेंटर, होल्डिंग एरिया और ओपीडी का निरीक्षण भी किया। कई जगह पर गंदगी मिलने के कारण उन्होंने फटकार भी लगाई।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के परिसर में मंगलवार को सब कुछ सामान्य तौर पर चल रहा था। ओपीडी काउंटर पर मास्क लगाए एक शख्स लाइन में लगकर पर्चा बनने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही वह लाइन से निकलकर काउंटर के अंदर जाकर पूछताछ करने लगा तो वहां पर कर्मचारियों की हवाइयां उड़ गई। यह कोई और नहीं, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक थे जो आज केजीएमयू के परिसर का औचक निरीक्षण कर रहे थे।
उपमुख्यमंत्री ने न केवल लाइन में लगकर ओपीडी में पर्चा बनवाया, बल्कि अलग-अलग तल पर मरीजों से बातचीत कर उनकी परेशानी भी जानी। एक मरीज को जांच करवाने के लिए लंबी लाइन में लगना था। वह एक किनारे बैठ कर अपनी का इंतजार करते नजर आए। मरीज में उप मुख्यमंत्री को बताया कि सुबह से ही लाइन में लगे हैं। नम्बर नहीं आया। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगी लंबी लाइन को देखकर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से टोकन सिस्टम जैसी कोई प्रक्रिया शुरू करने की बात कही।
गंदगी मिलने पर सीएमएस डा. शंखवार से पूछताछ: ओपीडी में गंदगी और टूटी कुर्सियों को देखकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू के सीएमएस डा. एसएन शंखवार से इसका कारण पूछा और इसे दुरुस्त करने की बात कही।
आनलाइन पंजीकरण के लिए फोन लगाया तो बजता ही रहा : ब्रजेश पाठक ने औचक निरीक्षण के दौरान आनलाइन पंजीकरण के लिए दिए नंबर पर फोन लगाया लेकिन नंबर नहीं लग पाया। इसकी पड़ताल करने के लिए वह जब एक्सचेंज पर पहुंचे तो वहां पर पता चला कि 12 लाइनों में सिर्फ दो लाइन ही बिजी थी फिर भी फोन नहीं लग रहा था। इससे नाराज उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई। इस पर मंत्री जी का गुस्सा भड़क उठा। उन्होंने व्यवस्था बदलने का भी निर्देश दिया।
एम्बुलेंस कहीं और धोएं : ट्रामा सेंटर के होल्डिंग एरिया में पहुंचकर पाठक ने मरीजों के आने जाने वाली सूची का रजिस्टर जांचा। इसके साथ ही ट्रामा सेंटर परिसर के ही एक कोने में पड़े मलबे को देखकर अधिकारियों से उसके बारे में भी पूछताछ की। ट्रामा के बाहर ही खड़ी एंबुलेंस को धोते देख कर डिप्टी सीएम ने कहा कि यह मरीजों के आने जाने की जगह है एंबुलेंस कहीं और धोइये।