धामी मंत्रिमंडल में इस बार पिछली सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों को नहीं मिल पाई जगह

धामी मंत्रिमंडल में इस बार पिछली सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्रियों को जगह नहीं मिल पाई। ये तीनों विधायक पांच से लेकर सातवीं बार चुनाव जीते, लेकिन फिर भी इन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। अब राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि निकट भविष्य में इन्हें पार्टी कुछ अहम जिम्मेदारी देकर एडजस्ट कर सकती है। भाजपा ने उत्तराखंड के अलग राज्य बनने के बाद हुए पांचवें विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत के साथ 70 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की।

भाजपा नेतृत्व ने खटीमा से चुनाव में पराजित होने के बावजूद युवा पुष्कर सिंह धामी पर ही भरोसा जताया और उन्हें लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री बनने का अवसर मिला। धामी ने अपने मंत्रिमंडल में आठ विधायकों को जगह दी। इनमें से पांच भाजपा की पिछली सरकार में भी मंत्री रहे थे। ये हैं सतपाल महाराज, सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, डा धन सिंह रावत और गणेश जोशी। तीन नए चेहरों के रूप में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, सौरभ बहुगुणा और चंदन राम दास को मंत्री बनने का मौका मिला।

नए मंत्रियों से अधिक चर्चा रही उन तीन वरिष्ठ विधायकों की, जो पिछली सरकार में मंत्री थे, लेकिन इस बार उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। इनमें बिशन सिंह चुफाल और बंशीधर भगत के अलावा अरविंद पांडेय के नाम शामिल हैं। कहा गया कि चुफाल और भगत को इसलिए मंत्री नहीं बनाया गया क्योंकि इनकी आयु 70 वर्ष से अधिक है। अरविंद पांडेय अभी इस दायरे में नहीं आते, लेकिन उन्हें क्यों दोबारा मौका नहीं दिया गया, इसे लेकर भाजपा की ओर से फिलहाल कुछ नहीं कहा गया।

माना जा रहा है कि मंत्री के रूप में पिछले पांच साल के कार्यकाल के आकलन की भूमिका इसमें हो सकती है।राजनीतिक गलियारों में चर्चा रही कि चुफाल की सीट से मुख्यमंत्री धामी उप चुनाव लड़ सकते हैं, इसलिए उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। अब जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि धामी चम्पावत सीट से उप चुनाव लडेंग़े। सूत्रों का कहना है कि इन तीन वरिष्ठ विधायकों का उपयोग पार्टी संगठन समेत अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर कर सकती है। यद्यपि, भाजपा की पिछली सरकार में किसी भी विधायक को मंत्री पद के दर्जे वाले निगमों, समितियों, परिषदों के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष पदों की जिम्मेदारी नहीं दी गई थी, लेकिन इस बार ऐसा किया जा सकता है।

वैसे, अभी धामी मंत्रिमंडल में भी तीन स्थान खाली छोड़े गए हैं। समझा जा रहा है कि कुछ समय बाद इन्हें भी भर दिया जाएगा। ऐसा इसलिए, क्योंकि मुख्यमंत्री धामी के पास कई महत्वपूर्ण विभागों समेत कुल 23 विभागों की जिम्मेदारी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.