राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत के संबोधन ने कश्मीरी पंडितों में उत्साह भर दिया। नवरेह पर घाटी वापसी के लिए जिस कदर कश्मीरी पंडितों का धैर्य बढ़ाया, से हर कश्मीरी पंडित खुश है। अब उसे लगने लगा है कि घाटी वापसी का उसका सपना साकार होने की ओर बढ़ने लगा है। संजीवनी शारदा केंद्र द्वारा बनाए गए विभिन्न सेंटरों में सरसंघ चालक के संबोधन को सुनने के लिए व्यवस्था की गई थी
शहर में बोहड़ी केंद्र समेत 25 स्थानों पर कश्मीरी पंडितों ने लाइव संबोधन सुना। वहीं दूसरी घरों में बैठकर भी अपने मोबाइल पर कश्मीरी पंडितों ने लाइव भाषण सुना। 1990 में दशक में घाटी से कश्मीरी पंडितों को विस्थापित होकर जम्मू व देश के अन्य हिस्सों में जाकर गुजर बसर करनी पड़ी। अपनी मातृ भूमि से कटे यह लोग घाटी वापस जाने के लिए केंद्र सरकार से नीति बनाने के लिए कह रहे हैं। रविवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत के संबोधन ने हर कश्मीरी पंडित को एक बड़ी तसल्ली दी।
कश्मीरी पंडित संजय भट्ट ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के दर्द को समझने व महसूस करने के लिए सरसंघ चालक का धन्यवाद। तीन दशक से हर कश्मीरी पंडित तप रहा है। वह अपनी मिट्टी से जुड़ना चाहता है लेकिन देश के तमाम नेता इस दिशा में बोलते ही नही। मगर हम धन्यवादी हैं सरसंघ चालक के जिन्होेने कश्मीरी पंडितों का हौंसला बढ़ाया। हमें महसूस हुआ कि हम आज अकेले नही हैं, हमारी पीछे बड़ी ताकत भी है।
संजीवनी शारदा केंद्र राधे श्याम ने बताया कि डा. मोहन भागवत के संबोधन से कश्मीरी पंडित समाज को एक उम्मीद बनी है। दुनिया के सबसे बड़े संगठन के प्रमुख ने कश्मीरी पंडितों का जो मार्गदर्शन किया है, से हमारा हौसला और बढ़ गया है। अब कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी होकर रहेगी। हम नवरेह पर संकल्प ले रहे हैं कि अगल नवरेह हमारा कश्मीर में ही आए।
एम भरत ने कहा कि डा. मोहन भागवत ने कश्मीरी पंडितों के इतिहास पर बारीकी से वर्णन किया। हमारे महापुरुषों का जिक्र अपने भाषण में किया और कश्मीरी पंडितों का घाटी से जुड़ाव की कहानी बेहतरी से पेश की। संबोधन से कश्मीरी पंडित का धैर्य और मजबूत हुआ है। ऐसे में हमें अब लगने लगा है कि कश्मीरी पंडित जल्दी ही आने वाले समय में अपनी मिट्टी व संस्कृति से जुड़ पाएगा।
कश्मीरी पंडितों का मनोबल और हुआ मजबूत
पनुन कश्मीर के प्रधान वीरेंद्र रैना ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत के संबोधन ने कश्मीरी पंडितों का मनोबल और मजबूत कर दिया है। भागवत ने कहा कि घाटी वापसी का सपना जल्द पूरा होगा और अब यह संपूर्ण रूप से होगा। बस अब उद्यम करने की जरूरत है। रैना ने कहा कि डा. भागवत के भाषण से वह प्रभावित हैं। क्योंकि देश के इतने बड़े व्यक्ति कश्मीरी पंडितों के पीछे खड़े हें, इससे अब घाटी वापसी का सपना जरूर पूरा होगा। उन्होंने 30 साल से कश्मीरी पंडितों के विस्थापन के दर्द को महसूस किया है। रैना ने कहा कि अब केंद्र सरकार को चाहिए कि वह कश्मीरी पंडित प्रतिनिधियों से बातचीत कर घाटी वापसी के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करे।