जनपद टिहरी और पौड़ी को जोड़ने वाले लक्ष्मण झूला पुल की सपोर्टिंग वायर रविवार को अचानक टूट गई। जिससे पुल पर आवाजाही रोक दी गई है। इस पुल पर सिर्फ पैदल चलने की छूट प्रदान की गई थी। अपनी उम्र पूरी कर चुके लक्ष्मण झूला पुल को शासन की ओर से 13 जुलाई 2019 को बंद कर दिया गया था।
स्थानीय नागरिकों की समस्या को देखते हुए इस पर सिर्फ पैदल चलने की आवाजाही की छूट प्रदान की गई थी।
इस पुल के निर्माण के लिए चंडीगढ़ की एक कंपनी को काम दिया गया था। पुल के निर्माण का टेंडर ही विवादित हो गया था, जिसे हिलवेज कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए इस पर विभागीय अधिकारियों पर अदालत की अवमानना का केस दायर किया गया था।
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि नए पुल के निर्माण का काम पुराने पुल के ठीक बगल में हो रहा है। जिसमें खुदाई का काम चल रहा है। कंपनी की ओर से भारी भरकम मशीनें मौके पर लगाई गई हैं। मिट्टी उठाने वाली करीब 600 किलो वजनी बकेट से टकराकर पुल का संतुलन बनाने वाली तार रविवार की दोपहर टूट गई।
जिससे पुल का संतुलन बिगड़ गया। सूचना पाकर मुनिकीरेती के प्रभारी निरीक्षक रितेश शाह पुलिस बल लेकर मौके पर पहुंचे। संभावित खतरे को देखते हुए इसमें आमजन की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। पुल के बंद होने से लक्ष्मण झूला और तपोवन के बीच पैदल संपर्क समाप्त हो गया है।
ग्राम पंचायत के पूर्व सदस्य अमित भारद्वाज ने इस मामले में कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस क्षेत्र में भारी भरकम मशीनों के इस्तेमाल करने से यहां बने पुराने भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने प्रशासन से पुल की शीघ्र मरम्मत कर स्थानीय लोग के लिए आवागमन सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की है।
वहीं, इस मामले में अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग टिहरी गढ़वाल एनपी सिंह ने बताया कि अभी मामला उनके संज्ञान में नहीं लाया गया है। वह मौके पर अधिकारियों को भेज कर वस्तुस्थिति का पता लगाएंगे। इसके बाद ही अगली कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।