पंजाब की सत्ता की चाबी किस राजनीतिक पार्टी के हाथ होगी यह आगामी दस मार्च को तय होगा, लेकिन उससे पहले मौजूदा चरणजीत सिंह चन्नी सरकार भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड सहित सूबे के कई अहम मसलों को लेकर कैबिनेट की बैठक करना चाह रही है। बैठक करने को लेकर सरकार के आलाधिकारियों की ओर से मौखिक तौर पर राज्य चुनाव विभाग से पूछा है। उच्च पदस्थ सूत्रों से पता चला है कि चुनाव आयोग ने इस बारे में लिखित में अनुमति लेने को कहा है। अब कैबिनेट करने की मंजूरी देनी है या नहीं इस को लेकर अंतिम फैसला राज्य चुनाव विभाग की ओर से किया जाना है
कैबिनेट बैठक करने का उद्देश्य राज्य के अलग-अलग मुद्दों को लेकर चर्चा करना है। जिनमें केंद्र की ओर से पंजाब के अधिकारों को लगातार सीमित किए जाने वाले निर्णयों और फैसलों को लेकर बात की जाएगी। कैबिनेट में कुछ अहम फैसले लिए जाने की बात भी कहीं जा रही है। बैठक करने के लिए राज्य सरकार के अधिकारियों ने पंजाब राज्य चुनाव विभाग के अधिकारियों से मौखिक तौर पर बातचीत की गई है।
सरकार के अधिकारियों की ओर से चुनाव विभाग को इस बात से अवगत करवाया गया है कि प्रदेश के लिए ये बैठक अहम है, इसलिए बैठक करने की अनुमति दी जाए। सरकार का कैबिनेट करने का उद्देश्य केंद्र की ओर से भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की स्थायी सदस्यों की नियुक्ति के लिए नियमों में किए गए बदलाव पर चर्चा करना है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में बार्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के दायरे को पंद्रह किलोमीटर से बढ़ाकर पचास किलोमीटर तक कर दिया जिस पर पंजाब ने खासी नाराजगी जाहिर की थी। अब बीबीएमबी में पंजाब का दायरा कम किया जा रहा है। यूक्रेन में फंसे पंजाब के युवाओं को वापस लेने के साथ साथ फौरी तौर पर युवाओं को राहत न देने के मसलों को लेकर चर्चा की जानी है।
बता दें कि केंद्र की ओर से बीबीएमबी में स्थायी सदस्यों की नियुक्ति के नियमों में बदलाव किया गया है। चंडीगढ़ में पंजाब के अधिकारियों के कोटे में लगातार कटौती की जा रही है। जिसको लेकर भी पंजाब के लोगों में नाराजगी है। पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डा. एस करुणा राजू से जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से कैबिनेट की बैठक को लेकर किसी तरह से लिखित में नहीं दिया गया है। डा. राजू ने कहा कि मौखिक तौर पर किससे कैबिनेट बैठक बुलाने की बात हुई या मंजूरी मांगी गई ये मेरी जानकारी में नहीं है। अगर सरकार की ओर से लिखित में कुछ भेजा जाएगा तो उसके बाद ही इस मामले में वह कुछ कह सकते हैं।