हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून और 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का शासनादेश जारी करने की मांग को लेकर राज्य आंदोलनकारियों ने विधानसभा कूच किया। विधानसभा से पहले बेरिकेड के पास पुलिस और आंदोलनकारियों के बीच नोकझोंक व धक्कामुक्की हुई। आंदोलनकारियो ने लंबित मांग पूरी न होने पर नारेबाजी की।
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले शनिवार को राजधानी के अलावा ऋषिकेश, हरिद्वार से पहुंचे राज्य आंदोलनकारी नेहरू कालोनी स्थित शहीद रविंद्र रावत स्मारक पर एकत्रित हुए। हाथों में मांगों को लेकर तख्तियां लिए राज्य आंदोलनकारियों ने यहां से विधानसभा के लिए रैली निकाली। हालांकि, पुलिस ने विधानसभा से पहले बैरिकेड लगाकर आंदोलनकारियों को वहीं रोक दिया। इस बीच कुछ आंदोलनकारी आगे बढ़ने लगे, जिससे पुलिस के साथ काफी देर तक धक्कामुक्की हुई।
इसके बाद आंदोलनकारी वहीं धरने पर बैठ गए। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि लंबे समय से आंदोलनकारियों का 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण का एक्ट राजभवन में अटका है। बीते महीने सचिवालय कूच और मुख्यमंत्री आवास कूच करने के बाद भी इस ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है, जिससे राज्य आंदोलनकारियों में रोष है।
मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि कहा कि पृथक राज्य आंदोलन का मकसद जल, जंगल, जमीन और रोजगार व संस्कृति के साथ पलायन बचाना था। हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू कानून लागू किया जाए। कहा कि राज्य में भूमि खरीद की असीमित छूट मिलने से खरीद फरोख्त की संभावना बढ़ गई है। इस दौरान आंदोलनकारियों को वंदे मातरम ग्रुप से जुड़े युवाओं व युवा संगठन ने समर्थन दिया और राज्य में शीघ्र भू कानून लागू करने की मांग उठाई।