प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अपात्रों को न मिले, इसके सत्यापन में विभागीय कार्मिक खेल कर रहे हैं। पात्र किसानों को अपात्र या मृत दिखाए जाने की शिकायतें शासन व उच्च स्तर तक हो रही हैं। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे गलत सत्यापन करने वालों पर कार्रवाई करें। आनलाइन व आफलाइन के साथ पाक्षिक समीक्षा करने के सख्त निर्देश दिए गए हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि वितरण में समस्याएं खत्म होने का नाम नहीं ले रहीं। कृषि विभाग ने हाल में ही किसान सम्मान समाधान योजना चलाई, तीन दिन में किसानों के नाम आधार कार्ड व बैंक खाता नंबर के हिसाब से दुरुस्त किए गए, ताकि निधि आसानी से मिल सके। अब मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को कड़ा पत्र भेजा है, इसमें लिखा है कि हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में ही शिकायत निवारण समिति गठित है, फिर भी सही से शिकायतें निस्तारित नहीं हो रही हैं। शिकायतें उच्च स्तर पर हो रही हैं यह स्थिति ठीक नहीं है। निर्देश है कि आनलाइन निस्तारित शिकायतों की पाक्षिक समीक्षा कराएं। डीएम रैंडम आधार पर देखें कि निस्तारण संतोषजनक है या नहीं।
मुख्य सचिव ने यहां तक लिखा है कि केंद्र सरकार के निर्देश पर 2019-20 के पांच व 2020-21 के दस प्रतिशत लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन में गड़बडिय़ां हैं, पात्र किसानों को अपात्र व मृत दिखाया जा रहा है, इसकी शिकायतें भी हो रही हैं। ऐसे मामलों में सत्यापन करने वाले अधिकारी व कर्मचारी की जिम्मेदारी तय करके कार्रवाई की जाए और पात्र लाभार्थियों के डेटा को शुद्ध कराने के लिए साक्ष्यों के साथ कृषि निदेशक को प्रस्ताव भेजा जाए। यह भी निर्देश है कि शिकायतों के आफलाइन निस्तारण के लिए भी सक्रिय किया जाए। शिकायत निवारण के लिए जिला स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम का नंबर प्रचारित कराया जाए।