नई दिल्ली, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने गुरुवार को एक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत अब अपने आर्थिक विकास को फिर से हासिल करने के निर्णायक बिंदु पर पहुंच गया है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) द्वारा आयोजित ‘मिस्टिक साउथ-ग्लोबल लिंकेज समिट’ को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘भारत अब अपने आर्थिक विकास को फिर से हासिल करने में एक निर्णायक बिंदु पर है। अब सभी हितधारकों से हाथ मिलाने और निरंतर गति सुनिश्चित करने का समय है। उद्योग को विभिन्न सुधारों पर सरकार के साथ काम करना चाहिए जिन्हें अधिक दृढ़ता के साथ लागू करने की आवश्यकता है।’
नायडू ने कहा, ‘वैश्विक रुझान जैसे स्वचालन, आपूर्ति श्रृंखलाओं को स्थानांतरित करना, जनसांख्यिकीय परिवर्तन और स्थिरता एवं स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान देना महामारी के मद्देनजर एक नया महत्व ग्रहण कर रहा है। भारत के लिए ये रुझान विकास को उत्प्रेरित कर सकते हैं और महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था के लिए हालमार्क साबित हो सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण भारत के पास 2025 तक 1.5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सब कुछ है। उन्होंने कहा, ‘यह क्षेत्र ‘विविधता में एकता’ का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, और सेवाओं के साथ विनिर्माण, आधुनिक मूल्यों के साथ संस्कृति और कौशल के साथ शिक्षा को जोड़ता है। दक्षिण भारत की संस्कृति इसकी सबसे बड़ी ताकतों में से एक है और इसे दुनिया को अपने देश तक लाने के लिए एक साफ्ट पावर के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।’
उन्होंने ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में भारत के प्रदर्शन की भी सराहना की। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उद्यमिता हमेशा दक्षिणी सफलता के लिए एक मजबूत बिंदु रहा है। इस क्षेत्र के छोटे शहरों में स्टार्ट-अप भी फलने-फूलने लगे हैं। मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि दक्षिणी राज्य भारत में ‘ईज आफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में शीर्ष पर हैं।