प्रयागराज, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और निरंजनी अखाड़ा के सचिव महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद ही एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि अल्लापुर में श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के कमरे में महंत नरेन्द्र गिरि ने रस्सी के सहारे जिस पंखे पर लटककर फांसी लगाई थी, वह चल रहा था और महंत का पार्थिव शरीर फर्श पर पड़ा था।
प्रयागराज में सोमवार को महंत नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत के बाद का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल है। कुल एक मिनट 45 सेकेंड के इस वीडियो को लेकर अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। वीडियो में महंत के कमरे में प्रयागराज रेंज के आइजी केपी सिंह और कुछ पुलिस अधिकारी भी दिख रहे हैं। इस वीडियो में दिख रहा है कि महंत नरेन्द्र गिरि का पार्थिव शरीर फर्श पर पड़ा है और वह पंखा भी चल रहा है, जिस पर उन्होंने कथित तौर पर लटकने के बाद फांसी लगाकर आत्महत्या की है। यह वीडियो उस समय का है, जब पुलिस कमरे में पहुंची थी। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस अधिकारी मठ में मौजूद शिष्यों से पूछताछ कर रहे हैं।
पुलिस जब कमरे में पुलिस पहुंची तो महंत नरेन्द्र गिरि का पार्थिव शरीर फर्श पर था। शरीर के पास ही उनके शिष्य बलबीर गिरि खड़े। बलबीर गिरि को ही महंत ने सुसाइड नोट में अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। वीडियो में आईजी प्रयागराज रेंज केपी सिंह भी दिखाई दे रहे हैं। वह मठ में मौजूद शिष्यों से पूछताछ कर रहे थे। उन्होंने चल रहे पंखे को लेकर भी सवाल किया। इस पर उन्होंने वहां खड़े सुमित से पूछा तो उसने कहा कि उसी ने पंखा चलाया था। केपी सिंह ने कहा कि तुम्हें पुलिस को सूचना देने के बाद शरीर को नीचे उतारना चाहिए था।
इस वीडियो में पंखा चलता हुआ दिख रहा है। पंखे की रॉड में रस्सी का एक टुकड़ा फंसा है। पीले रंग की नायलॉन की रस्सी का हिस्सा फंसा हुआ नजर आ रहा है। इसी रस्सी से बनाए फंदे से महंत नरेन्द्र गिरि का शव लटका मिला था। महंत नरेन्द्र गिरि के गले में रस्सी का एक टुकड़ा फंसा दिखाई दे रहा है। वीडियो में रस्सी के तीन हिस्से दिखाई पड़ रहे हैं। रस्सी का एक हिस्सा पंखे में फंसा है। दूसरा हिस्सा महंत नरेन्द्र गिरि के गले में था और तीसरा हिस्सा कमरे में शीशे की मेज पर ही रखा था।
गौरतलब है कि महंत नरेन्द्र गिरि का पार्थिव शरीर सोमवार को उनके मठ के कमरे में मिला था। इसके साथ ही एक सुसाइड नोट भी मिला था। उनकी मौत संदिग्ध होने के कारण बुधवार को पोस्टमार्टम के बाद उनके पार्थिव शरीर को मठ प्रांगण में ही भू-समाधि दी गई। सुसाइड नोट में महंत नरेन्द्र गिरि ने मौत का जिम्मेदार शिष्यों आनंद गिरि, आद्या तिवारी व संदीप को बताया था। जिसके बाद पुलिस ने तीनों को गिफ्तार कर लिया है। अब इस मामले की जांच सीबीआइ को भी सौंपी गई है। सरकार ने इस मामले में पहले एसआईटी बनाई थी, लेकिन अब राज्य सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है।