नई दिल्ली, महिला उम्मीदवार इस साल होने जा ही एनडीए की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश दिया है कि महिला उम्मीदवारों को इसी साल नवंबर में एनडीए प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमित दी जाए। एनडीए 2020 की प्रवेश परीक्षा इस साल 14 नवंबर को होनी है। केंद्र ने महिला उम्मीदवारों को अगले साल होने वाली प्रवेश परीक्षा में शामिल करने की मांग की थी। कोर्ट ने केंद्र की मांग को ठुकराते हुए कहा है कि महिलाओं को मई 2022 तक एनडीए की परीक्षा में बैठने की अनुमित देने से वो 2023 में एनडीए में शामिल होंगी। अब शुरुआत करने का समय आ गया है। कोर्ट ने कहा कि परीक्षा के बाद अगर कोई समस्या आती है तो सरकार कोर्ट को सूचित कर सकती है।
जस्टिस एस के कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए सशस्त्र बल सबसे अच्छी प्रतिक्रिया टीम है और उम्मीद है कि बिना देरी किए महिलाओं को एनडीए में शामिल करने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आवश्यक व्यवस्था की जाएगी। पीठ ने कहा कि रक्षा विभाग को यूपीएससी के सहयोग से जरूरी काम करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता कुश कालरा की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता चिन्मय प्रदीप शर्मा की दलीलों पर गौर किया और कहा कि एनडीए में महिलाओं की भर्ती में एक साल की देरी नही कर सकते।
अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि महिलाओं के प्रवेश की सुविधा के लिए एक अध्ययन समूह का गठन किया गया है, और मई 2022 तक इसे सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक तंत्र स्थापित किया जा सकता है। एएसजी ने 14 नवंबर को होने वाली अगली एनडीए प्रवेश परीक्षा छोड़ने का प्रस्ताव रखा।
जस्टिस बी आर गवई ने कहा, हम आपकी समस्याओं को समझते हैं। मुझे यकीन है कि आप लोग समाधान निकालने में सक्षम हैं। उम्मीदवारों की परीक्षा में शामिल होने की इच्छा को देखते हुए केंद्र के इस अनुरोध को मानना मुश्किल है। सशस्त्र सेवाओं ने बहुत कठिन परिस्थितियों से निपटा है। आपात स्थितियों से निपटना उनके प्रशिक्षण का एक हिस्सा है। हमें यकीन है कि वे इस स्थिति से भी निपट लेंगे।