देहरादून। उत्तराखंड में अगले विधानसभा चुनाव के लिए अब महज चार-पांच महीने का ही वक्त शेष है। भाजपा और कांग्रेस पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुके हैं। जैसा हर चुनाव से पहले होता है, दलबदल की राज्य में शुरुआत हो चुकी है। इस सबके बीच अब स्थापित नेताओं के परिवार से उनके उत्तराधिकारी के रूप में युवा चेहरों ने भी राजनीति में दस्तक देनी शुरू कर दी है। पिछले तीन दशक से राजनीति में सक्रिय कैबिनेट मंत्री डा हरक सिंह रावत की पुत्रवधू पूर्व मिस इंडिया अनुकृति गुसाईं रावत ने इसकी पहल की है। इससे भाजपा के खेमे में हलचल होना तय है।
हरक सिंह रावत उत्तराखंड की राजनीति में एक स्थापित चेहरा हैं। वह कांग्रेस की दो सरकारों में कैबिनेट मंत्री रहे और वर्तमान भाजपा सरकार में भी कैबिनेट का हिस्सा हैं। पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली मौजूदा भाजपा सरकार में उनके पास वन एवं पर्यावरण, श्रम, ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं। गत मार्च में जब त्रिवेंद्र सिंह रावत के पद से हटने के बाद सांसद तीरथ सिंह रावत मुख्यमंत्री बने, उस वक्त हरक सिंह रावत ने उनके लिए अपनी विधानसभा सीट छोड़ने और स्वयं तीरथ की पौड़ी संसदीय सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की थी। हालांकि तीरथ के महज चार महीने के अंदर ही पद से हट जाने के बाद यह बात स्वत: ही समाप्त हो गई।
इससे पूर्व भी रावत एक-दो बार विधानसभा चुनाव न लडऩे की बात कह चुके हैं। तब से यही कयास लगते रहे हैं कि हरक की राजनीतिक विरासत उनकी पुत्रवधू अनुकृति संभाल सकती हैं। अब स्वयं अनुकृति ने राजनीति में आने की इच्छा जाहिर कर दी है। जागरण से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘लैंसडौन की बेटी हूं। यदि वहां की जनता, महिलाएं और पार्टी चाहेगी तो मैं जरूर चुनाव लडूंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री युवा हैं तो मैं समझती हूं कि अधिक से अधिक युवाओं को आगे आना चाहिए।’ अनुकृति गुसाईं ने कहा कि बड़ी संख्या में लैंसडौन की महिलाएं उनसे जुड़ी हुई हैं। कई बार महिलाओं की समस्याएं सुनकर लगता है कि यदि उन्हें यहां का नेतृत्व करने का मौका मिले तो इन्हें हल करने का प्रयास करेंगी। अभी भी वहां महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। अनुकृति ने कहा कि उनका प्रयास है कि क्षेत्र की महिलाएं रोजगार से जुड़ें और स्वावलंबी बनें।
गौरतलब है कि हरक सिंह रावत का विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार है, जबकि लैंसडौन का प्रतिनिधित्व भाजपा विधायक दिलीप रावत कर रहे हैं। इस संबंध में हरक सिंह रावत ने कहा कि अगर युवा पीढ़ी नेतृत्व के लिए आगे आ रही है तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता। हालांकि पुत्रवधू अनुकृति को चुनाव लड़ाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी इस संबंध में अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।