काबुल से लौटे देहरादून के दो लोगों ने वहां की कहानी अपनी जुबानी बताई

विकासनगर (देहरादून)। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल स्थित ब्रिटिश दूतावास की सुरक्षा में तैनात सुनील थापा और भूपेंद्र सिंह चार दिनों के लगातार हवाई सफर के बाद स्वदेश वापसी की। उन्होंने काबुल में तालिबान के कब्जे से लेकर वहां पर उत्पन्न परिस्थितियों और लौटने तक की यात्रा का वृतांत बताया। बकौल सुनील थापा और भूपेंद्र काबुल से स्वदेश लौटने की इस यात्रा को जीवन में कभी नहीं भूलने वाली घटना बता रहे हैं।

ब्रिटिश एंबेसी की सुरक्षा में तैनात रहे डाकपत्थर निवासी सुनील थापा और बाडवाला निवासी भूपेंद्र सिंह अफगानिस्तान से बुधवार को सकुशल अपने घर पहुंचे। उन्होंने तालिबान की कार्रवाई और अफगानिस्तान की स्थिति के बारे में बताया। गोरखा रेजिमेंट से अवकाश प्राप्त पूर्व सैनिक सुनील थापा ने बताया कि काबुल में तालिबानी कार्रवाई को देखते हुए पिछले 15-20 दिनों से सभी देशों के दूतावासों में हलचल शुरू हो गई थी। इस बात का अनुमान किसी को नहीं था कि इतना जल्दी सब कुछ बदल जाएगा। अफगानिस्तान में अराजकता की स्थिति है।

13 अगस्त की रात को ब्रिटिश अधिकारियों ने उन्हें अचानक तुरंत काबुल छोड़ने का आदेश दिया। इससे उनकी धड़कनें बढ़ गईं, नींद उड़ गई। ब्रिटिश दूतावास के अधिकारियों ने 14 अगस्त को सबसे पहले उनके ग्रुप को काबुल स्थित अमेरिका के एयर बेस पर पहुंचाया, वहां से ब्रिटिश मालवाहक जहाज से उन्हें दुबई ले जाया गया। दुबई के हवाई अड्डे पर कुछ घंटे रुकने के बाद उन्हें लंदन ले जाया गया। यहां पर लगभग दस घंटे उन्होंने हवाई अड्डे पर गुजारे। हिथ्रो हवाई अड्डे पर सभी की आरटीपीसीआर जांच भी कराई गई।

इसके बाद उन्हें उन्हें दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना कर दिया गया। उन्होंने बताया कि 14 से 18 तारीख तक के इस चार दिनों के सफर में वह सिर्फ हवाई जहाज और एयरपोर्ट के वेटिंग रूम में ही रहे। अफगानिस्तान से भारत तक की इन चार दिनों की यात्रा में खाना, आराम करना या सोना जैसी सुविधाएं मयस्सर नहीं हो सकी।

सौ से अधिक भारतीय अभी भी हैं काबुल में मौजूद

अफगानिस्तान से लौटे सुनील थापा ने बताया कि उनकी टीम के 100 लेकर 120 भारतीय अभी भी काबुल में मौजूद हैं, जिनसे लगातार बात हो रही है। फिलहाल, सभी लोग सुरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि विदेशी नागरिकों के मामले में तालिबान का व्यवहार भी काफी नरम है। वह विदेशी नागरिकों की सुरक्षा में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत के नागरिक काबुल या अफगानिस्तान के दूसरे शहरों में जहां भी हैं उनकी शीघ्र और सकुशल वापसी होगी। इनमें डाकपत्थर के ही पूर्व सैनिक राजू सिंह अभी अफगानिस्तान में ही फंसे हैं, जिनके जल्द लौटने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.