देहरादून। तीन दिन बाद मंगलवार को उत्तराखंड को बारिश से राहत मिली, लेकिन बारिश से उपजी दुश्वारियां अब भी बरकरार हैं। ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा से सिर्फ एक मीटर नीचे बह रही है। जगह-जगह मलबा आने से प्रदेश में 160 से ज्यादा संपर्क मार्ग बंद हैं। बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग पर भी यातायात बाधित होता रहा। नदियों के जलस्तर में कुछ कमी आई है, लेकिन बरसाती नदियां अब भी उफान पर हैं। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में बुधवार से मौसम साफ रहेगा, मगर नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और देहरादून में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है।
- ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर बुधवार सुबह नौ बजे 338.50 यानी चेतावनी रेखा से एक मीटर नीचे है।
- ऋषिके -बदरीनाथ हाईवे खुला हुआ है। नगर और आसपास क्षेत्र में बादल छाए हैं, हल्की बूंदाबांदी।
शनिवार रात से हो रही बारिश के कारण सड़कें बाधित होने से 600 से ज्यादा गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। लोक निर्माण विभाग की टीम सड़कों से मलबा हटाने में जुटी है। सड़कों पर भूस्खलन की सर्वाधिक मार चमोली, रुद्रप्रयाग और पौड़ी जिले में पड़ी है। यहां ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमश: 46, 32 और 30 मार्ग बंद हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा का जलस्तर कम हुआ है। इससे तटवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों ने राहत की सांस ली।
राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि आने वाले दिनों में आमतौर पर प्रदेश में मौसम सामान्य रहेगा, लेकिन बुधवार और गुरुवार के लिए नैनीताल, बागेश्वर, पिथौरागढ़ व देहरादून के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कूलागाड में वैली ब्रिज तैयार
पिथौरागढ़ जिले मेंचीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग पर कूलागाड में 170 फीट लंबा वैली ब्रिज तैयार कर लिया गया है। इससे धारचूला से अंतिम भारतीय गांव कुटी तक वाहन संचालन भी प्रारंभ हो गया है। भारी बारिश से यहां पर बना पुल करीब तीन सप्ताह पहले बह गया था। अब सीमा सड़क संगठन ने वैली ब्रिज का काम पूरा कर लिया है।