देहरादून। राजधानी दून में सरकारी संपत्ति पर कब्जा करने वालों को ही अभयदान देने की तैयारी चल रही है। मसूरी में नगर पालिका की भूमि पर कब्जा कर उसे बेचने के जिस मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है, अब उसी भूमि को आरोपितों को आवंटित करने की तैयारी चल रही है। इसकी पत्रावली बाकायदा मंडलायुक्त कार्यालय से चलाई गई है। दिलचस्प यह कि सरकारी भूमि कब्जाने के इसी मामले में मंडलायुक्त की अध्यक्षता वाली लैंड फ्राड कोर्डिनेशन कमेटी के ही निर्देश पर दिसंबर 2020 में मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।
मुकदमे के मामले में पुलिस चार्जशीट दायर करने की तैयारी कर रही है और जिला प्रशासन के स्तर पर सरकारी भूमि पर बनाए गए पेट्रोल पंप की एनओसी निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, इन सबसे इतर सरकारी भूमि कब्जाने के आरोपितों को ही भूमि आवंटित करने की तैयारी शुरू की जा चुकी है। मंडलायुक्त कार्यालय से चली पत्रावली अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) के स्तर से होकर मसूरी पालिका के अधिशासी अधिकारी तक पहुंच चुकी है। अपर जिलाधिकारी ने पालिका से जमीन के नियमितीकरण पर आख्या मांगी है। अधिशासी अधिकारी ने यह मामला कर अधीक्षक को संदर्भित कर दिया है। हालांकि, इस अटपटे प्रकरण को लेकर पालिका के अधिकारी सकते में हैं। क्योंकि उन्हीं की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया गया और अब उन्हीं से नियमितीकरण पर रिपोर्ट तलब की गई है।
दबाव के चलते कर अधीक्षक हुए ‘गायब’
बताया जा रहा है कि आरोपितों के पक्ष में जमीन आवंटित करने की आख्या को लेकर पालिका अधिकारियों पर दबाव भी बनाया जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए पालिका के कर अधीक्षक गिरीश सेमवाल कार्यालय से गायब हो गए हैं। उनकी खोज खबर के लिए अधिशासी अधिकारी को बाकायदा पत्र जारी करना पड़ा। जिसमें वह कह रहे हैं कि 19 जुलाई तक अपर जिलाधिकारी को आख्या उपलब्ध करानी थी और वह कार्यालय में अनुपस्थित होने के साथ ही फोन काल भी रिसीव नहीं कर रहे हैं।
मसूरी के शहीद परिवारों को आवंटित की जाए भूमि
मसूरी पालिका की जिस भूमि पर कब्जा कर पेट्रोल पंप स्थापित किया गया है, उस भूमि को मसूरी के शहीद परिवारों को आवंटित करने की मांग की गई है। इस संबंध में बल्लीवाला निवासी अजय गोयल ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र भेजा है। उन्होंने कहा है कि शहीद परिवारों को पेट्रोल पंप के लिए भूमि आवंटित करने के प्रकरण जिलाधिकारी कार्यालय में धूल फांक रहे हैं और दूसरी तरफ सरकारी भूमि लुटाई जा रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में विभिन्न सरकारी भूमि पर किए गए अवैध कब्जों के मामलों में शीघ्र सख्त कार्रवाई करने की मांग भी उठाई गई है।
दून के जिलाधिकारी डा. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मंडलायुक्त कार्यालय की तरफ से भेजे गए पत्र की अभी जानकारी नहीं मिली है। हो सकता है कि संबंधित पत्र को अपर जिलाधिकारी को संदर्भित किया गया हो। दिखवाया जाएगा कि जिस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है, उसमें जमीन आवंटन किस आधार पर किया जाएगा।