जम्मू, जम्मू एयरफाेर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के कुछ दिनों बाद बुधवार-वीरवार की मध्य रात एक बार फिर जम्मू एयरपोर्ट के पास पाकिस्तानी ड्रोन को मंडराते हुए देखा गया है। इससे पहले कि सुरक्षाकर्मी ड्रोन पर फायरिंग कर क्षतिग्रस्त करते, वह वहां से लापता हो गया। हालांकि सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं कि ड्रोन को सीमा पार से भेजा गया था या फिर सीमांत इलाके में बैठा कोई आतंकी इसे चला रहा था।
इसके अलावा अखनूर के सीमांत इलाके पलांवाला में भी पाकिस्तानी ड्रोन को देखे जाने की सूचना मिली है। सूत्रों का कहना है कि आसमान में ड्रोन दिखने के बाद वहां तैनात जवानों ने उस पर गोलीबारी भी की। इसके बाद वह वहां से वापस लौट गया। सेना के जवान इलाके में सर्च ऑपरेशन चला इसकी पुष्टि कर रहे हैं। अभी तक अधिकारिक तौर पर इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है।
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले के बाद से जम्मू-कश्मीर में ड्रोन गतिविधियां अधिक बढ़ गई हैं। हालांकि खुफिया एजेंसियों ने पहले ही सुरक्षाबलों को सचेत कर दिया है कि पाकिस्तानी सेना आतंकी संगठनों के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर में ड्रोन हमले की योजना बना रहा है। इसको लेकर गुलाम कश्मीर में पाक सेना व आइएसआइ की मदद से चल रहे 28 से अधिक प्रशिक्षण शिविरों में आतंकवादियों को ड्रोन उड़ाने व उनके जरिए हथियार चलाने की ट्रेनिंग भी दी जा रही है।
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमला इसी ट्रेनिंग का हिस्सा है। जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के बाद से अब तक कई बार पाकिस्तानी ड्रोन को एलओसी के नजदीक मंडराते हुए देखा गया है। ऐसी सूचनाएं भी मिली हैं कि आतंकी स्वतंत्रता दिवस पर ड्रोन की मदद से ही बड़े हमले की योजना बना रहे हैं। इस तरह भारतीय सीमा में ड्रोन भेज ये आतंकी सुरक्षा प्रबंधों का जायजा ले रहे हैं।
आपको बता दें कि चीफ आफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालातों का जायजा लेने के लिए दो दिवसीय जम्मू दौरे पर आए हुए हैं। गत बुधवार को उन्होंने जम्मू एयरफार्स स्टेशन का दौरा कर वहां ड्रोन हमले से उपजे हालात का जायजा लिया। आज वह जम्मू संभाग के जिला पुंछ, राजौरी और अखनूर नियंत्रण रेखा की सुरक्षा हालात का जायजा ले रहे हैं। हालांकि उन्होंने सीमा पर तैनात जवानों को यह निर्देश दिए हैं कि वे दुश्मन की हर नाकाम कोशिश को नाकामयाब बनाएं। इसके लिए वे कोई भी कदम उठा सकते हैं।