नई दिल्ली, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर नागरिकों के अधिकारों के संरक्षण के साथ ही महिलाओं के लिए सुरक्षित डिजिटल स्पेस के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर की अगुवाई में सूचना व प्रौद्योगिकी संबंधित संसद की स्थायी समिति (Parliament Standing Committee) पिछले कुछ दिनों से एक-एक कर दिग्गज कंपनियों को तलब कर सवाल-जवाब कर रही है। इसी क्रम में ट्विटर के बाद अब फेसबुक व गूगल की बारी है।
सूचना व प्रौद्योगिकी संबंधित संसद की स्थायी समिति (Parliament Standing Committee) मंगलवार को फेसबुक इंडिया और गूगल इंडिया के साथ बैठक करेगी। इस बैठक में सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर नागरिकों के अधिकार व हित संरक्षण संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता वाली संसदीय स्थायी समिति द्वारा आयोजित किए जाने वाले इन बैठकों का मकसद नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और सोशल ऑनलाइन समाचार मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग को रोकना है।
इससे पहले फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों ने स्थायी समिति को सूचित किया था कि महामारी कोविड-19 के मद्देनजर कंपनी की पॉलिसी के अनुसार उनके सदस्य व्यक्तिगत तौर पर समिति के समक्ष बैठक के लिए नहीं आ सकेंगे। इसके बाद समिति के अध्यक्ष थरूर ने फेसबुक को बताया कि संसद सचिवालय की ओर से ऑनलाइन (वर्चुअल) बैठक की अनुमति नहीं है इसलिए उन्हें व्यक्तिगत तौर पर आना ही होगा।
बता दें कि नए आईटी नियमों को लेकर केंद्र व ट्विटर के बीच तनाव जारी है। इसी स्थायी समिति के समक्ष ट्विटर ने कहा कि वह देश का कानून नहीं बल्कि अपने नियम मानेगा। इसी माह समिति ने ट्विटर को अपने प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे पर तलब किया था जिसके बाद ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधि समिति के सामने पेश हुए। हालांकि केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में ट्विटर को नोटिस जारी कर नए नियमों का तत्काल पालन करने के अंतिम मौका देने के साथ ही चेतावनी दी कि नियमों का पालन नहीं होने पर इस प्लेटफॉर्म को सूचना व प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत जवाबदेही से छूट नहीं मिलेगी।