नई दिल्ली, केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने और विधानसभा चुनाव के लिए माहौल तैयार करने के लिए इसी माह के अंत (24-25 जून) तक प्रदेश के विभिन्न राजनीतिक दलों की बैठक बुलाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। अगर सबकुछ निर्धारित योजना के मुताबिक चला तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बैठक की अध्यक्षता कर सकते हैं।
दिल्ली स्थित उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन अल्ताफ बुखारी, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन के अलावा प्रदेश कांग्रेस, भाजपा और जम्मू कश्मीर में माकपा के नेताओं को प्रस्तावित बैठक में बुला सकती है।
उल्लेखनीय है कि नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा. फारूक अब्दुल्ला ने बीते दिनों श्रीनगर में पत्रकारों से बातचीत में केंद्र सरकार के साथ बातचीत की संभावना का संकेत देते हुए कहा था कि उन्होंने सभी विकल्प खुले रखे हैं। उन्होंने कहा था कि अगर कश्मीर में हालात सामान्य बनाने के लिए केंद्र सरकार बातचीत के लिए बुलाएगी तो वह जरूर जाएंगे। इसके बाद पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशेन (पीएजीडी) के सभी घटकों की पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के घर पर बैठक हुई थी। इसमें फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद थे।
बैठक का संदेश आएगा तो जरूर शामिल होंगे
पीएजीडी के प्रवक्ता और संयोजक माकपा नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने केंद्र सरकार के साथ बैठक को लेकर जारी चर्चा संबंधी सवाल पर कहा कि दिल्ली से अभी तक कोई संकेत या संदेश नहीं आया है। अगर यह बैठक होती है तो हम जरूर इसमें शामिल होंगे। यहां हालात सामान्य बनाने के लिए हम किसी भी बैठक और प्रक्रिया का स्वागत करते हैं। बातचीत जरूरी है। हमने केंद्र सरकार के साथ यहां हालात सामान्य बनाने के लिए एक यथार्थवादी और परिणामदायक बातचीत के लिए कभी भी अपने दरवाजे बंद नहीं किए हैं।
हमारी समस्याओं का समाधान दिल्ली में ही होगा
जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन अल्ताफ बुखारी ने कहा कि हम शुरू से ही बातचीत के पक्षधर हैं। कश्मीर को लेकर जब भी, जहां भी बैठक होगी, उससे हमारा ही पक्ष सही साबित होगा। हम मार्च, 2020 से लगातार कहते आ रहे हैं कि जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा प्रदान करने और जम्मू कश्मीर में लोकतंत्र को पूरी तरह बहाल करने का एकमात्र जरिया सभी पक्षों से बातचीत ही है। मैं सभी को यही कहना चाहूंगा कि हमारी सभी समस्याओं का समाधान सिर्फ दिल्ली में ही होगा। दिल्ली के सिवाय हमें किसी और की तरफ देखने की जरूरत नहीं है।
विधानसभा का गठन करना चाहती है केंद्र
सरकार सूत्रों ने बताया कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर में राजनीतिक प्रक्रिया को जल्द आगे बढ़ाते हुए विधानसभा का गठन करना चाहती है। इसलिए बीते साल जस्टिस (रिटायर्ड) रंजना देसाई की अध्यक्षता में गठित परिसीमन आयोग को जम्मू कश्मीर में परिसीमन की प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी करने के लिए कहा गया है। यह आयोग चंद दिनों में जम्मू कश्मीर का भी दौरा करने वाला है।राज्य का दर्जा बहाल करने की तैयार हो सकती है जमीन जम्मू कश्मीर में मुख्यधारा की राजनीति से जुड़े सभी राजनीतिक दल जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव कराए जाने की मांग कर रहे हैं। प्रस्तावित बैठक को लेकर कहा जा रहा है कि इसमें ही राज्य का दर्जा बहाल करने और विधानसभा चुनाव के लिए जमीन तैयार की जा सकती है।