गोरखपुर, गोरखनाथ मंदिर के हिंदू सेवाश्रम में आयोजित मुख्यमंत्री का जनता दर्शन कार्यक्रम पुलिस महकमे के लिए एक बार फिर दिक्कत भरा रहा। पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाने वाले कई मामले आए, जिसे लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की त्योरी चढ़ी रही। इसे लेकर कई बार मुख्यमंत्री पुलिस कप्तान को चेतावनी देते नजर आए।
महिला की शिकायत अधिकारियों को लगाई फटकार
दरअसल, जनता दर्शन की शुरुआत में ही दहेज उत्पीडऩ का मामला लेकर पहुंची एक महिला ने बेलघाट थानेदार पर आरोप लगाया कि वह अपनी शिकायत लेकर थाने पर गई तो पुलिस ने उसके पति पर ही मुकदमा दर्ज कर दिया। यह सुनकर मुख्यमंत्री बिफर पड़े। पास खड़े एसएसपी दिनेश कुमार पी से कहा कि मामले की तत्काल जांच कराएं और अगर आरोप सही पाया जाता है तो एसओ के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करें। हालांकि बाद में एसएसपी ने बताया कि मामला पारिवारिक विवाद का है।
मार्च 2020 में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के विरुद्ध दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया है। महिला ने अपने देवर, जेठ व ससुर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है और उसकी देवरानी ने महिला के पति पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। पुलिस के जब कुछ और मामले सामने आए तो मुख्यमंत्री ने एसएसपी से कहा कि ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि फरियादी को थाने पर ही उचित न्याय मिल जाए। जनता दर्शन में आने की नौबत न आए। गुरुवार के जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब 150 लोगों की फरियाद सुनी और समस्या समाधान का आश्वासन दिया।
ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पूजा-अर्चना की
इससे पहले मुख्यमंत्री की सुबह की दिनचर्या परंपरागत रही। नाथ पंथ के आदि गुरु बाबा गोरखनाथ और अपने गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पूजा-अर्चना के बाद उन्होंने मंदिर परिसर का भ्रमण किया और करीब आधा घंटा गोशाला में गायों के संग बिताया। जनता दर्शन में लोगों की फरियाद सुनने के बाद वह मंदिर कार्यालय आए तो वहां पहले से आशीर्वाद के लिए बैठे लोगों से बारी-बारी से मुलाकात की।
जब मौलवी की बात सुनने को रुक गए योगी
जनता दर्शन के लिए जाने के दौरान हिंदू सेवाश्रम के पास खड़े एक बूढ़े मौलवी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आवाज दी। सुरक्षाकर्मियों ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो मुख्यमंत्री ने उन्हें आने देने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री से मिले इस सम्मान से अभिभूत मौलवी तत्काल उनके पास पहुंच गए और कोई अंदरूनी बात बताने के लिए दो मिनट का समय मांगने लगे। मुख्यमंत्री ने जब उनका कुशलक्षेम पूछा तो भी वह अंदरूनी बात की रट लगाए रहे। इसपर मुख्यमंत्री ने उनसे उस बात को लिखकर देने की सलाह दी और अभिवादन स्वीकार करते हुए आगे बढ़ गए।