लखनऊ, कोरोना वायरस संक्रमण को काबू करने और भविष्य की चुनौतियों से निपटने की तैयारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार अन्य गतिविधियों पर भी सतत नजर बनाए है। इसी क्रम में कोरोना से प्रभावित हुई हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्रों की पढ़ाई को लेकर अहम फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि इस बार इन कक्षाओं का रिजल्ट बिना मेरिट के जारी किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अपने सरकारी आवास से वर्चुअल माध्यम से कोविड प्रबंधन की बैठक की। सीएम योगी ने ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति को जारी रखने के निर्देश के साथ कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाओं का परीक्षाफल तैयार करने के संबंध में गाइडलाइंस जल्द तय कर परीक्षा परिणाम तैयार किया जाए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते इस बार दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं नहीं हो सकी हैं, इसलिए परीक्षाफल की मेरिट सूची न तैयार की जाए। इसके अलावा प्राविधिक शिक्षा विभाग आनलाइन परीक्षा कराए। साथ ही उच्च शिक्षा विभाग को भी विद्यार्थियों को प्रोन्नत करने का निर्णय जल्द लेने का निर्देश दिया।
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा भी रद कर दी गई है। कक्षा 12 वीं के विद्यार्थियों को भी प्रोन्नत किया जाएगा। पिछले दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया था।
यूपी बोर्ड के सौ साल के इतिहास में यह पहला मौका है, जब हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा निरस्त की गई है। विद्यार्थी बिना इम्तिहान दिए ही अगली कक्षा में प्रोन्नत किए जाएंगे। इंटरमीडिएट के 26.1 लाख और हाईस्कूल के 29.4 लाख विद्यार्थियों को प्रोन्नत किया जाएगा। इस तरह प्रदेश के कुल 56 लाख से अधिक विद्यार्थी इससे लाभान्वित होंगे। सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर यूपी बोर्ड ने भी छात्रों को बड़ी राहत दी है।
निगरानी समितियों के पास उपलब्ध है मेडिसिन किट : कोरोना संक्रमण से निपटने की व्यवस्थाओं की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अधिकारियों ने बताया कि निगरानी समितियों द्वारा स्क्रीनिंग के साथ ही लक्षणयुक्त और संदिग्ध संक्रमित व्यक्तियों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराने का काम चल रहा है। निगरानी समितियों के पास पर्याप्त संख्या में मेडिसिन किट उपलब्ध हैं। बच्चों में वायरल बुखार आदि के इलाज के लिए मेडिसिन किट तैयार कराई जा रही हैं, जिसका वितरण 15 जून से कराया जाएगा। इसी तरह ब्लैक फंगस के मरीजों को भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई दवाओं के अलावा विशेषज्ञों के परामर्श के अनुसार वैकल्पिक दवा भी उपलब्ध कराई जा रही है।