देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पार्टी नेतृत्व के बुलावे पर मंगलवार को दिल्ली पहुंच गए। वह बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात करेंगे। समझा जा रहा है कि भाजपा उन्हें केंद्रीय संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है।
मार्च 2017 में मुख्यमंत्री का पद संभालने वाले त्रिवेंद्र सिंह रावत को भाजपा नेतृत्व ने चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से ठीक पहले गुजरे मार्च में पद से हटा दिया था। उनके स्थान पर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया। उस वक्त केंद्रीय नेतृत्व ने संकेत दिए थे कि पार्टी त्रिवेंद्र की क्षमता का उपयोग संगठन में कर सकती है। त्रिवेंद्र पहले भी संगठन में कई दायित्व संभाल चुके हैं। उत्तराखंड में पार्टी संगठन के महत्वपूर्ण पदों पर रहे त्रिवेंद्र झारखंड के प्रदेश प्रभारी व उत्तर प्रदेश में सह प्रभारी की भूमिका भी निभा चुके हैं।
सोमवार को भाजपा नेतृत्व में उन्हें दिल्ली पहुंचने को कहा। त्रिवेंद्र मंगलवार दोपहर दिल्ली पहुंचे, मगर उनकी मुलाकात केंद्रीय नेताओं से नहीं हो पाई। अब उनका बुधवार को पहले गृह मंत्री अमित शाह और फिर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात का कार्यक्रम तय हुआ है। सूत्रों के मुताबिक निकट भविष्य में उत्तराखंड समेत कई राज्यों में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी सौंप सकती है। उन्हें पार्टी में राष्ट्रीय महामंत्री या फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का दायित्व दिए जाने की राजनीतिक गलियारों में चर्चा है। साथ ही उन्हें किसी चुनावी राज्य का प्रभारी भी बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद त्रिवेंद्र लगातार सक्रिय हैं। साथ ही वह विभिन्न विषयों पर अपनी राय भी खुलकर जाहिर कर रहे हैं। इसे भी उनके अनुभव का लाभ पार्टी संगठन में लिए जाने से जोड़कर देखा जा रहा है। यह भी माना जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व त्रिवेंद्र को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की उनके मन में उपजी टीस को कम करने का प्रयास कर सकता है। इस परिदृश्य के बीच उनके दिल्ली दौरे को लेकर तमाम चर्चाएं हैं। अब सभी की नजरें त्रिवेंद्र की बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ होने वाली मुलाकात पर टिकी हैं।