ऑक्सीजन की भारी कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन का ट्रैंकर पहुंचाया अस्‍पताल

देहरादून। दून में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच अस्पतालों में ऑक्सीजन की मांग भी बढ़ गई है। अधिकतर अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टोरेज की क्षमता सामान्य स्थिति के अनुरूप है, मगर मौजूदा हालात में यह क्षमता कम पड़ रही है। ऐसे में आए दिन अस्पतालों में ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो रहा है। बुधवार को कैलाश अस्पताल में भी ऐसी ही स्थिति आई। रोजाना की तरह अस्पताल का टैंकर ऑक्सीजन के लिए हरिद्वार गया था, लेकिन वहां कुछ तकनीकी अड़चन आ गई और ऑक्सीजन मिलने में देरी हो गई। दोपहर तक जब ऑक्सीजन मिलने की सूरत नहीं बनी तो अस्पताल प्रबंधन के हाथ-पांव फूल गए, क्योंकि अस्पताल में चंद घंटे के लिए ही ऑक्सीजन बची थी। सरकारी मशीनरी तक यह बात पहुंची तो पूरा तंत्र सक्रिय हो गया। इससे पहले कि अस्पताल में ऑक्सीजन खत्म होती, उसकी आपूर्ति कर दी गई।

प्रदेश में ऑक्सीजन प्रबंधन के लिए सचिव सचिन कुर्वे को नोडल अधिकारी बनाया गया है। सभी जिलाधिकारी और जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक भी इस टीम का हिस्सा हैं। कैलाश अस्पताल में ऑक्सीजन का संकट गहराने के बाद जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आशीष श्रीवास्तव और सचिव सचिन कुर्वे सीधे इस मामले को देखने लगे थे। इसी बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत तक यह खबर पहुंची तो वह भी खुद व्यवस्था बनाने में जुट गए। महज एक घंटे के भीतर हरिद्वार से आपूर्ति की राह खोल दी गई। हालांकि, समय की कमी को देखते हुए रास्ता निकाला गया कि सेलाकुई से भी ऑक्सीजन मंगाई जा सकती है। लिहाजा, बिना देर किए सेलाकुई से ऑक्सीजन का एक ट्रक शाम पांच बजे कैलाश अस्पताल पहुंच गया। इसके कुछ देर बाद अस्पताल का टैंकर भी हरिद्वार से ऑक्सीजन लेकर देहरादून पहुंच गया।

इधर, उद्योग मंत्री गणोश जोशी भी अस्पताल में ऑक्सीजन कमी की खबर पाकर हरकत में आ गए थे। उन्होंने जिलाधिकारी के साथ ही सचिव व अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रयास किए।

कोरोना के इस विकट दौर में हमारी मशीनरी इसी तरह शिद्दत के साथ व्यवस्था बनाने में जुटी रहे तो हालात काबू में किए जा सकते हैं। अच्छी बात है कि हमारी मशीनरी अपनी तरफ से भरसक प्रयास भी कर रही है। इस तरह के प्रयास सरकारी तंत्र के प्रति भरोसा जगाते हैं। साथ ही मरीजों व तीमारदारों का हौसला भी बढ़ाते हैं।

एसएमआइ ने बढ़ाई ऑक्सीजन स्टोरेज क्षमता

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच श्री महंत इंदिरेश अस्पताल ने ऑक्सीजन क्षमता बढ़ाने पर काम तेज कर दिया है। पिछले दो दिन व दो रात से ऑक्सीजन सप्लाई के तकनीकी विशेषज्ञ इस कार्य में जुटे रहे। अस्पताल की ऑक्सीजन क्षमता को बढ़ाकर 7000 सात हजार लीटर कर दिया गया है। आवश्यकता पड़ने पर 50 और बेड तक ऑक्सीजन की आपूर्ति करने का काम किया जा रहा है।

श्री महंत इंदिरेश अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार धवन ने कहा कि अस्पताल में छाती एवं श्वास रोग विशेषज्ञ एवं फिजिशियन की एक बड़ी टीम उपलब्ध है। यही कारण है कि अस्पताल में मृत्यु दर काफी कम है। अस्पताल में 203 बेड पर कोरोना संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है। गंभीर मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए युद्ध स्तर पर काम किया जा रहा है। अस्पताल में ऑक्सीजन वेंडर से इन दिनों हर रोज तीन बार ऑक्सीजन की सप्लाई करवाई जा रही है। कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए 50 और ऑक्सीजन बेड तैयार किए जा रहे हैं। बहुत जल्द इनका लाभ मरीजों को मिलेगा।

अरिहंत अस्पताल में भी आई ऑक्सीजन की दिक्कत

कैलाश की ही तरह मंगलवार रात अरिहंत अस्पताल में भी ऑक्सीजन का संकट खड़ा हो गया था। यहां 76 मरीज ऑक्सीजन पर थे, जिन्हें डी-टाइप सिलेंडर से ऑक्सीजन दी गई। रात करीब साढ़े 11 बजे यह स्थिति बनी। हालांकि, इसके तत्काल बाद अधिकारियों की सक्रियता के चलते अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति कर दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.