किसानों की आय दोगुना करने के प्रयासों में जुटी प्रदेश सरकार ने शनिवार को उन्हें दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना में तीन लाख रुपये तक के ब्याजमुक्त ऋण की सौगात दी है। प्रदेश में सौ स्थानों पर एक साथ शुरू हुए ऋण वितरण कार्यक्रम में 25 हजार किसानों को ऋण प्रदान किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत देहरादून के रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में ऋण वितरण की शुरुआत की। वह वर्चुअल माध्यम से विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में मौजूद किसानों से संवाद भी कर रहे हैं।
सरकार ने सहकारिता विभाग के माध्यम से संचालित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना में किसानों को तीन लाख रुपये तक के ब्याजमुक्त ऋण मुहैया कराने का निर्णय लिया है। साथ ही कृषक समूहों को भी पांच-पांच लाख रुपये के ब्याजमुक्त ऋण वितरित किए जाएंगे। ये ऋण कृषि कार्यों के अलावा मत्स्यपालन, जड़ी-बूटी उत्पादन, मुर्गीपालन, मौनपालन आदि के लिए प्रदान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शनिवार को देहरादून से इस योजना की शुरुआत करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री के हाथों करीब ढाई सौ किसानों को ऋण के चेक वितरित किए जाएंगे। यह कार्यक्रम सभी 95 विकासखंड मुख्यालयों और पांच अन्य स्थानों पर भी एक साथ होगा। इनमें सांसद, विधायक, दायित्वधारी और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहेंगे।
इस बीच सहकारिता राज्यमंत्री डा.धन सिंह रावत ने शुक्रवार को रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल का निरीक्षण वहां शनिवार को होने वाले राज्य स्तरीय कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने सहकारिता विभाग की ओर से तैयार की गई तीन मिनट की डाक्यूमेंट्री भी देखी, जिसे ऋण वितरण कार्यक्रम के दौरान भी दिखाया जाएगा। डा.रावत ने बताया कि आयोजन स्थल में दो बड़े स्क्रीन लगाए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कार्यक्रम के दौरान अन्य स्थानों पर होने वाले कार्यक्रमों में मौजूद किसानों से वर्चुअल माध्यम से संवाद भी करेंगे। निरीक्षण के दौरान रेशम फेडरेशन के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह, जिला सहकारी बैंक देहरादून के अध्यक्ष अमित शाह, निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्र समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
समितियों को हार्डवेयर का भी वितरण
ऋण वितरण कार्यक्रम के दौरान प्रदेश की 200 बहुद्देश्यीय प्रारंभिक कृषि ऋण सहकारी समितियों में कंप्यूटराइजेशन के लिए हार्डवेयर भी वितरित किए जाएंगे। निबंधक सहकारी समितियां बीएम मिश्र के मुताबिक 40 करोड़ रुपये की लागत से समितियों के कंप्यूटरीकरण किया जा रहा है, जिसमें 25 फीसद राशि प्रदेश सरकार वहन कर रही है। मार्च तक सभी 662 समितियों को कंप्यूटरीकृत करने का लक्ष्य है। इसके बाद उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा, जहां सभी बहुद्देश्यीय समितियां कंप्यूटरीकृत होंगी।