आतंकवाद पर वोट की चोट देने के लिए कश्मीर की जनता बड़ी संख्या में मतदान केंद्रों में पहुंच रही हैं। आतंकवादी वारदातों को नजरंदाज कर अधिक से अधिक संख्या में लोग मतदान केंद्रों में पहुंच रहे हैं। अनुच्छेद-370 समाप्त होने के बाद कश्मीर में आए बदलाव से यहां के लोग इस कदर उत्साहित हैं कि अब उन्हें न तो आतंकवाद और न ही कश्मीर की हाथ-पांव जमा देने वाली सर्दी रोक पा रही है।
फीरन पहने, हाथाें में कांगड़ी लिए मतदान केंद्रों में कतारों में खड़े लाेगों को देख यह स्पष्ट हो रहा है कि कश्मीर में विकास की बयार जारी रखने के लिए लोगों को अब किसी की परवाह नहीं है। जिला विकास परिषद, पंचायत उपचुनाव में भारी संख्या में मतदान कर वह अपने बीच से प्रतिनिधि चुन, आपने इलाके में बेहतर सुविधाएं चाहते हैं। वोट डालने के बाद लोगों ने मीडिया के समक्ष कुछ इसी तरह की प्रतिक्रियाएं जाहिर की हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीरी नेताओं ने उन्हें केवल ठगा है। अब वे झूठ नहीं चाहते। वह भी अपने बच्चों का भविष्य बेहतर करना चाहते हैं। नए कश्मीर में ही यह सब संभव है और कश्मीर में हो रहे इस बेहतर बदलाव में कोई आड़े नहीं आ सकता।
जिला पुलवामा में जहां गत बुधवार को सुरक्षाबलों ने अल-बदर के तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था, वहां भी मतदान को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। कड़कड़ाती सर्दी, धुंध के बीच भी लोग वोट डालने के लिए मतदान केंद्रों में पहुंच रहे हैं।
आज पांचवें चरण के महत मतदान की प्रक्रिया जारी है। करीब 299 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला आज होगा। पुलवामा में मुठभेड़ और पट्टन में ग्रेनेड हमले के बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है। अच्छी बात यह है कि इन आतंकी हमलों के बावजूद यहां मतदान को लेकर लोगों में कोई भय नजर नहीं आ रहा है। मतदान केंद्रों में वोट डालने के लिए लोग काफी संख्या में पहुंच रहे हैं। जिला कठुआ, रियासी, ऊधमपुर के सीमांत व पहाड़ी इलाकों में अभी से मतदान के लिए लोगों की कतारें लगने लगी हैं।
मतदान को कामायाब बनाने के लिए 2104 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। जिला विकास परिषद की जिन 37 सीटों के लिए मतदान हो रहा है, उनमें से 17 सीटें कश्मीर व 20 सीटें जम्मू संभाग के विभिन्न जिलों की हैं। पुलवामा में भी लित्तर, ददसारा व कादिराबाद सीटों के लिए मतदान हो रहा है। यहां लोगों का जोश देखते ही बन रहा है। हालांकि मुठभेड़ के बाद से ही यहां के मतदान केंद्रों व साथ लगते इलाकों में सुरक्षाबल कड़ी चौकसी बरत रहा है।
प्रदेश चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने गत बुधवार को मतदान को कामयाब बनाने के लिए नागरिक, पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंधों के बारे में भी जानकारी दी थी। चुनाव में भाग्य आजमा रहे 299 उम्मीदवारों में कश्मीर में 30 महिलाओं समेत 155 उम्मीदवार मैदान में हैं। वहीं जम्मू संभाग में भाग्य आजमा रहे 144 उम्मीदवारों में 40 महिलाएं शामिल हैं। कुल मतदाताओं की संख्या 827519 है। इनमें से 433285 पुरुष व 394234 महिलाएं शामिल हैं। जम्मू संभाग के मतदाताओं की संख्या 439529 है। वहीं कश्मीर के मतदाताओं की संख्या 387990 है।
वहीं मतदान के लिए बनाए गए 2104 मतदान केंद्रों में से 914 जम्मू व 1190 कश्मीर में हैं। इनमें 1193 मतदान केंद्र अति संवेदनशील, 472 संवेदनशील व 439 सामान्य हैं। कश्मीर के अति संवेदनशील मतदान केंद्रों में सुरक्षा के लिए अतिरिक्त प्रबंध किए गए हैं।
पंचायत उपचुनाव के पांचवें चरण में वोट डालने वालों में दिखा खासा उत्साह
जम्मू-कश्मीर जिला विकास परिषद के साथ पंचायत उपचुनाव के पांचवे चरण के मतदान भी हो रहे हैं। ग्रामीण आज 58 सरपंच व 218 पंच चुनेंगे। प्रदेश चुनाव आयुक्त केके शर्मा ने प्रदेश में जिला विकास परिषद चुनाव के साथ पंचायत उपचुनाव को कामयाब बनाने के लिए किए गए प्रबंधों का जायजा लेते हुए यह घोषणा की थी कि पांचवे चरण में 30 सरपंच निर्विरोध ही चुऐ गए हैं। इसी बीच सरंपचों के 58 पदों के लिए इस समय 175 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 51 महिलाएं हैं। वहीं दूसरी ओर पंचों के 218 पदों के लिए होने वाले मतदान में 527 उम्मीदवाराें के भाग्य का फैसला होगा। इनमें 137 महिलाएं शामिल हैं। आज सुबह सात बजे शुरू हुई मतदान की प्रक्रिया में ग्रामीणों का जोश ठंड में भी देखने वाला है। अपने गांव के पंच-सरपंच चुनने के लिए ये लोग कतारों में खड़े मतदान के लिए अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। पंचायत उपचुनाव के लिए 271 मतदान केंद्रों में मतदान हो रहा है। वहीं पंचों के उपचुनाव के लिए 299 मतदान केंद्रों में वोटिंग हो रही है। इन मतदान केंद्रों में सुरक्षा के साथ-साथ कोरोना की रोकथाम संबंधी सभी प्रबंध किए गए हैं। मतदान केंद्रों के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी व अन्य पोलिंग स्टाफ लोगों से इन नियमों का सख्ती से पालन करवा रहे हैं।