हरियाणा से 20 किसानों के एक समूह ने सोमवार को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर से मुलाकात की और नए कृषि कानूनों का समर्थन किया। खुद को प्रगतिशील किसानों का प्रतिनिधिमंडल बताते हुए उसके एक सदस्य ने बताया कि पद्मश्री कमल सिंह चौहान के नेतृत्व में समूह ने तोमर से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों के कुछ प्रावधानों में संशोधन कर सकती है, लेकिन उन्हें रद नहीं करना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि वे किसान उत्पादक संघों (एफपीओ) के प्रतिनिधि हैं। प्रतिनिधिमंडल में भारतीय किसान यूनियन (अतर) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतर सिंह संधू भी शामिल थे।
किसानों को गुमराह किया गया
कृषि मंत्री से मुलाकात के बाद प्रोग्रेसिव फार्मर क्लब सोनीपत के अध्यक्ष कंवल सिंह चौहान ने कहा कि जो किसान आंदोलन कर रहे हैं उनको गुमराह किया गया है। पीएम ने बार-बार भरोसा दिया है कि एमएसपी और मंडी सिस्टम जस का तस रहेगा। गौरतलब है कि मंगलवार 8 दिसंबर को आंदोलनरत किसानों ने भारत बंद बुलाया है। जिसका कई मजदूर संगठनों और राजनीतिक पार्टियों ने समर्थन भी किया है।
भारत बंद को 24 विपक्षी दलों और संगठनों का समर्थन
बता दें कि केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान दिल्ली बॉर्डर पर डटे हैं। एक के बाद एक विपक्षी दल किसानों के समर्थन में सामने आ रहे हैं। किसानों के मंगलवार को होने वाले भारत बंद को विपक्षी दलों ने भी समर्थन दिया है। किसानों का मंगलवार भारत बंद है। कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी तक सारी विपक्षी पार्टियों ने इस बंद के समर्थन का ऐलान किया है। सोमवार सुबह दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी किसानों के बीच पहुंचे जबकि उत्तर प्रदेश में पूर्व सीएम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव को मार्च निकालने के दौरान हिरासत में ले लिया गया. सपा के कार्यकर्ताओं ने यूपी के हर जिले में किसान यात्रा निकाली। बहरहाल, किसानों के भारत बंद को 24 विपक्षी दलों और संगठनों ने समर्थन दिया है। इनमें कांग्रेस, लेफ्ट पार्टियों के अलावा अधिकतर क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं।