मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने दूधातोली में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी के समाधि स्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी एक महान देशभक्त के साथ दूरदृष्टा भी थे। उन्होंने पहाड़ की पीड़ा को समझा था। वे दूरस्थ क्षेत्रों के विकास की बात उठाते रहे। दृढ़ निश्चय के धनी थे। वे हम सभी को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे।
राज्य निर्माण आंदोलन के शुरूआती दौर से ही गैरसैण को राजधानी बनाने की संकल्पना हर आंदोलनकारी के मन में रही। गैरसैंण भराड़ीसैंण विधानसभा भवन का नाम भी चंद्र सिंह गढ़वाली जी के नाम पर ही है। हमने प्रदेशवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैंण को राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है। केवल घोषणा ही नहीं की बल्कि अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोङ रूपए से गैरसैंण परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवस्थापना सुविधाओं का विकास करने जा रहे हैं। गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र के सुनियोजित विकास के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाई जाएगी। अल्पकालीन और दीर्घकालिक विकास योजनाएं तैयार की गई है। सचिवालय भी बनाने जा रहे हैं। बड़ी पेयजल योजना पर भी काम कर रहे हैं। क्षेत्र के लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को क्षेत्र का हाईड्रोलोजिकल सर्वे करवाकर वाटर रिचार्जिंग के लिये वृहद वृक्षारोपण करवाने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत, विधायक श्री महेन्द्र भट्ट, श्री सुरेन्द्र सिंह नेगी सहित अन्य गणमान्य उपस्थित थे।