भारत-चीन सरहद पर हुई सैन्य हलचल को लेकर अमेरिका ने नई दिल्ली को आगाह किया है। अमेरिका ने कहा है कि चीन भारत सहित पड़ोसी देशों के साथ उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में लगा हुआ है। व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन का यह संकेत खतरनाक है और भारत को इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। हालांकि, भारत ने चीन के इस क्रियाकलपा का जोरदार विरोध किया है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने भारत के इस कदम का समर्थन किया ताकि उसके क्षेत्र में चीनी शासन का जोरदार विरोध किया जा सके। व्हाइट हाउस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बीजिंग पूर्व और दक्षिण चीन सागर, ताइवान स्ट्रेट और भारतीय-चीन सीमा क्षेत्रों में उत्तेजक और जबरदस्त सैन्य और अर्धसैनिक गतिविधियों में संलग्न है। ऐसा करके चीन पड़ोसियों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का खंडन करता है।
ताकतवार चीन अपने रणनीतिक उद्देश्य में जुटा
कांग्रेस को सौंपी गई रिपोर्ट में ‘संयुक्त राज्य अमेरिका का सामरिक दृष्टिकोण पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ में यह मांग की गई है कि इसके लिए राष्ट्रीय रक्षा प्राधिकरण अधिनियम, 2019 पेश किया जाए। इस रिपोर्ट के केंद्र में चीन की गतिविधियों पर चिंता जाहिर की गई है। रिपोर्ट में चीन के प्रति अमेरिका को आगाह किया गया है। इसमें कहा गया है कि चीन अब ताकतवर हो चुका है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) वैश्विक स्तर पर अपने रणनीतिक उद्देश्यों को पूरा करने के लिए पड़ोसी मुल्कों को डरा-धमका सकता है। ऐसा करके वह अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने या अपने खतरों को कम करने के लिए लिए रणनीति बना सकता है।