मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम अब हर कोविड-19 संक्रमित को बचाने की

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण से भिडऩे के लिए हर रोज जोरदार तैयारी कर रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुहिम अब हर कोविड-19 संक्रमित को बचाने की है। इसके लिए सरकार सभी को बेहतर से बेहतर इलाज दे रही है। संवेदनशील कोरोना संक्रमितों पर तो सरकार विशेष ध्यान दे रही है।

योगी आदित्यनाथ सरकार ने यूपी के बड़े अस्पतालों में ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क की शुरुआत की है। इसके साथ ही 12 करोड़ की लागत से अस्पतालों को और उच्चीकृत किया जाएगा। इसके लिए कोविड फंड से धनराशि दी गई है। कोरोना वायरस के वह मरीज जो पहले से हृदय रोग, मधुमेह या किडनी आदि की गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं, उनकी जान बचाने के लिए ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क तैयार किया गया है। नेटवर्क की मदद से कोविड-19 के लेवल वन से लेकर लेवल थ्री तक के अस्पतालों में टेलीकम्युनिकेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस सेंटर की मदद से दूसरे रोगों के विशेषज्ञ डॉक्टरों से कोविड-19 अस्पतालों में तैनात डॉक्टर तत्काल परामर्श लेकर संक्रमितों का इलाज कर सकेंगे। उत्तर प्रदेश के लेवल -1, 2 और 3 कोविड हॉस्पिटल टेलीकम्युनिकेशन से जुड़ेंगे। गंभीर मरीजों के इलाज के लिए विशेषज्ञ टेलीकम्युनिकेशन से अपनी राय देंगे। इस प्रक्रिया से मरीजों की केस हिस्ट्री और स्थिति के अनुसार बेहतर इलाज होगा। इन अस्पतालों में सुबह 8 से रात 8 बजे तक ई-कोविड केयर सपोर्ट नेटवर्क के तहत सभी को सलाह मिलेगी।

सभी मंडल छह जोन में विभाजित

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना के निर्देश पर हब एंड स्पोक मॉडल के तहत प्रदेशभर के सभी मंडलों को छह-छह जोन में विभाजित कर सभी जोन के लिए एक प्राइमरी हब अस्पताल और एक एडवांस हब अस्पताल आवंटित किया गया है। सुबह आठ बजे से लेकर रात आठ बजे तक टेली कंसल्टिंग के माध्यम से मेडिकल विशेषज्ञ, सर्जिकल विशेषज्ञ, गायनी विशेषज्ञ व क्रिटिकल केयर विशेषज्ञ आदि एक-दूसरे से जुड़े रहेंगे। अगर प्राइमरी हब अस्पताल के विशेषज्ञ से समस्या नहीं हल हो रही तो वहां पर एडवांस हब अस्पताल के विशेषज्ञ से मदद ली जाएगी। डॉक्टर टू डॉक्टर टेलीकम्युनिकेशन नेटवर्क है। इसमें हर मरीज का एक केंद्रीय रजिस्ट्रेशन नंबर होगा और उसकी सभी रिपोर्ट ऑनलाइन होगी। कहीं भी कोई भी डॉक्टर रजिस्ट्रेशन नंबर से मरीज की पूरी हिस्ट्री जान सकेगा और परामर्श देगा। हर मंडल की सप्ताहिक रिपोर्ट महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा कार्यालय को भेजी जाएगी।

प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ रजनीश दुबे ने बताया कि अगर कोविड-19 अस्पताल में किसी मरीज की हालत अचानक खराब होती है तो विशिष्ट चिकित्सा संस्थानों में तैनात विशेषज्ञ डॉक्टर को तुरंत मरीज की केस हिस्ट्री उसकी रेडियोलॉजी जांच, क्लीनिकल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट का डाटा एक्सचेंज कर ऑडियो-वीडियो के जरिए तुरंत परामर्श लेकर इलाज किया जा सकेगा।

प्राइमरी तथा एडवांस हब बने

पश्चिम जोन के छह मंडल जिसमें आगरा, अलीगढ़, मेरठ, बरेली, मुरादाबाद और सहारनपुर के कोविड-19 अस्पतालों का प्राइमरी हब अस्पताल एलएलआरएम मेडिकल कालेज मेरठ को बनाया गया है और एडवांस हब अस्पताल संजय गांधी पीजीआई लखनऊ को बनाया गया है। मध्य क्षेत्र के छह मंडल जिसमें लखनऊ, अयोध्या, चित्रकूट, देवीपाटन, कानपुर और झांसी का प्राइमरी हब अस्पताल जीएसवीएम मेडिकल कालेज कानपुर को और एडवांस हब अस्पताल केजीएमयू लखनऊ को बनाया गया है। इसी तरह पूर्वी क्षेत्र के छह मंडल आजमगढ़, गोरखपुर, बस्ती, प्रयागराज, वाराणसी और मिर्जापुर मंडल के कोविड-19 अस्पतालों के लिए प्राइमरी हब अस्पताल मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज प्रयागराज को और एडवांस हब अस्पताल आइएमएस बीएचयू वाराणसी को बनाया गया है।

बेहतर होगी प्रयोगशाला

कोरोना वायरस की जांच के लिए छह मंडलीय अस्पतालों में बायोसेफ्टी लेवल (बीएसएल) टू की प्रयोगशाला स्थापित की जाएंगी। इसके साथ ही सैंपल की जांच बीएसएल लेवल-टू की लैब में होगी। इन सभी में आरटी व पीसीआर जांच होगी। इसमें रियल टाइम (आरटी) पेरीमिरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) जांच हो सकेगी। प्रत्येक प्रयोगशाला के निर्माण में दो-दो करोड़ रुपये खर्च होंगे। ऐसे में कुल 12 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह धनराशि कोविड केयर फंड से यह धनराशि दी जाएगी। प्रयोगशाला निर्माण के लिए मेडिकल सप्लाई कारपोरेशन लिमिटेड को नौ करोड़ की धनराशि जारी भी कर दी गई है। इन नई लैब के बनने के बाद प्रदेश भर में कुल 31 लैब हो जाएंगी।

मंडलीय अस्पतालों में लैब

प्रदेश के जिन छह मंडलीय अस्पतालों में कोरोना वायरस की जांच के लिए लैब खोली जा रही है, उनमें मुरादाबाद, बरेली, विंध्याचल, गोंडा, वाराणसी के मंडलीय अस्पताल और अलीगढ़ का पंडित दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय शामिल है।

बड़ा होगा जांच का दायरा

प्रदेश में अब कोविड-19 की जांच का दायरा और बड़ा हो जाएगा। अभी सरकारी मेडिकल कालेज व वैज्ञानिक संस्थानों की 20 लैब और पांच प्राइवेट लैब में कोरोना वायरस की जांच हो रही है। अभी हर दिन 25 लैब में करीब साढ़े पांच हजार तक नमूने जांचे जा रहे हैं। आगे छह लैब और खुलने पर इनकी संख्या बढ़कर 31 हो जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.