लॉकडाउन समाप्ति के बाद लोन की मांग में आएगी तेजी

लॉकडाउन समाप्ति के बाद सभी सेक्टरों की तरफ से बड़े पैमाने पर वित्त की मांग आने की संभावना है जिसे पूरा करने के लिए सरकारी व निजी वित्तीय संस्थानों पर दबाव बढ़ेगा। इस हालात से निबटने के लिए आरबीआइ, नाबार्ड, सिडबी, नेशलन हाउसिंग बैंक, भारतीय बैंक संघ (वाणिज्यिक बैंकों का संगठन) के बीच लगातार संपर्क बनाए रखने की व्यवस्था की गई है।

वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, आरबीआइ लगातार हर राज्य के लीड बैंक के साथ संपर्क में है ताकि हर स्तर पर फंड की जरूरत पूरी की जा सके। इस बात पर खासतौर पर ध्यान दिया जा रहा है कि निर्यातक समुदाय व छोटे व मझोले उद्योगों को बैंकों से बहुत ही आसानी से पर्याप्त कर्ज मिल सके। बैंकों को कहा गया है कि वे कर्ज के प्रस्तावों पर तेजी से फैसला करेंगे।

सनद रहे कि छोटे व मझोले उद्योगों व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को वित्त सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हाल के दिनों में आरबीआइ की तरफ से कई कदमों का एलान किया गया है, लेकिन उसका फायदा लॉकडाउन की वजह से कोई नहीं उठा सका है।

श्रमिकों की उपलब्धता को लेकर असमंजस : उद्योग जगत लॉकडाउन खात्मे का बेसब्री से इंतजार तो कर रहा है, लेकिन वह श्रमिकों की उपलब्धता को लेकर चिंतित जरूर है। पिछले एक महीने में जिस तरह से काम ठप हुआ है उससे बड़े शहरों से काफी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर लौट चुके हैं। इन मजदूरों को उनके कार्यस्थल पर पहुंचाने में राज्यों की मदद चाहिए।

हाल ही में नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार के साथ एक बैठक में उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने इसे आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था के समक्ष एक बड़ी चुनौती के तौर पर पेश किया। नीति आयोग ने आश्वस्त किया है कि वह मैन्यूफैक्‍चरिंग केंद्रित राज्यों व श्रम उपलब्ध कराने वाले राज्यों के बीच सामंजस्य के लिए काम करेगा।

देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल ने कहा है कि लॉकडाउन खत्म होते ही पेट्रोल व डीजल की मांग में बेतहाशा वृद्धि होगी जिसे पूरा करने की तैयारी हमने कर ली है। रिफाइनरी में तमाम पेट्रो उत्पादों का पूरा स्टॉक तैयार कर लिया गया है और जिन वाहनों से उन्हें पेट्रोल पंपों पर पहुंचाना है उन्हें भी अलर्ट कर दिया गया है। लॉकडाउन से इन उत्पादों की मांग में 60-65 फीसद की कमी हुई है। भारी भीड़ के नियंत्रण को लेकर पेट्रोल पंपों को खास तौर पर तैयार रहने को कहा गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.