आज जयपुर के राम निवास बाग स्थित अलबर्ट हॉल में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई और गिरती अर्थव्यवस्था के विरोध मे कांग्रेस पार्टी की ओर से आयोजित युवा आक्रोश रैली को संबोधित करेंगे। कांग्रेस एक बार फिर जयपुर से राहुल गांधी की रीलॉचिंग की तैयारी कर रही है।
जानकारी हो कि राहुल गांधी को पार्टी का उपाध्यक्ष बनाने को लेकर कांग्रेस कार्यसमिति का फैसला भी जनवरी, 2013 में जयपुर में ही हुआ था। राहुल गांधी मंगलवार को जयपुर में महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ पार्टी के अभियान की शुरुआत करेंगे। सीएए भी एक मुद्दा रहेगा, लेकिन मुख्य मुद्दे महंगाई और बेरोजगारी ही रहेंगे।
राहुल गांधी जयपुर के अल्बर्ट हॉल पर रैली को सबोंधित करेंगे। कांग्रेस महासचिव अविनाश पांडे का कहना है कि राहुल गांधी की पूरे देश में रैलियां होंगी। राजस्थान के बाद मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में राहुल गांधी रैलियों को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी की रैली को लेकर कांग्रेस की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के अतिरिक्त युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री निवास बीवी और एनएसयूआई के अध्यक्ष नीरज कुंदन सहित कई नेता जयपुर में रह कर तैयारी में जुटे हैं।
महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर विपक्षी दल केंद्र सरकार को घेर रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ राहुल गांधी की रीलॉन्चिंग की तैयारी में जुटे है।मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट पिछले एक सप्ताह से रैली को सफल बनाने को लेकर विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों के साथ कई दौर में बैठक कर चुके। इन सभी को भीड़ जुटाने के टारगेट दिए गए हैं। इस रैली के लिए खास तौर पर छात्रों और युवाओं को बुलाया जा रहा है। इससे पहले कांग्रेस अपनी रैली जयपुर के बड़े-बड़े मैदानों में करती आई है, लेकिन पहली बार अल्बर्ट हॉल पर राहुल गांधी की रैली रखी गई है। इसका मकसद है कि राहुल गांधी की रीलॉन्चिंग को यादगार बनाया जा सके।
पिछले कई दिनों से जयपुर में रह कर रैली की तैयारी में जुटे कांग्रेस के राष्ट्रीय पदाधिकारियों का कहना है कि मंगलवार की रैली के बाद राहुल गांधी एक बार फिर से कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए सक्रिय होंगे। जयपुर के बाद भोपाल, मुंबई और रायपुर में भी राहुल गांधी की रैलियां होंगी। कांग्रेस के कार्यकर्ताओ से कहा गया है कि रैली के माध्यम से सीएए को लेकर केंद्र सरकार का विरोध किया जाएगा, लेकिन इस रैली को यह रूप ना दिया जाए कि रैली सीएए के खिलाफ है। रैली में शामिल होने वाले नेता और कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों में महंगाई और बेरोजगारी को मुख्य रूप से उठाएं, उसके बाद सीएए पर बात करें।