शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के मुस्लिमों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए। इसे लेकर कोई संदेह नहीं है। इसके लिए राजनीतिक दल को झंडा बदलना पड़े ये मजेदार है। इसके लिए दो झंडे की योजना बनना दुविधा का कारण है। सामना में यह बात राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कही गई है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों राज ठाकरे की पार्टी ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ ने अपनी पार्टी का झंडा बदल दिया। उन्होंने हिंदुत्व के राह पर चलने के संकेत दिए हैं। इसे लेकर शिवसेना ने सामना में कहा है कि 14 साल पहले राज ठाकरे की पार्टी मराठी मुद्दे पर बनी और आज हिंदुत्व पर जाती दिख रही है। इसे रास्ता बदलना नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे।
राज ठाकरे के हाथ कुछ नहीं लगा और ना लगेगा
सामना में आगे कहा गया है कि मराठियों के लिए शिवसेना ने बहुत काम किया है इसलिए राज ठाकरे के हाथ कुछ नहीं लगा और ना लगेगा। ऐसा लग रहा है वह भाजपा के साथ जाना चाहते हैं, पर यहां भी उनके हाथ लगेगा इसके आसार काफी कम है। शिवसेना ने देशभर में प्रखर हिंदुत्व को जागरुकता फैलाने के साथ बड़ा काम किया है। सबसे बड़ी बात ये है कि शिवसेना ने भगवा रंग कभी नहीं छोड़ा। यह ऐसा ही रहेगा। इस वजह से नए झंडे के बाद भी राज ठाकरे को समर्थन मिलेगा, इसकी संभावना नहीं दिख रही है।
एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाना रंग बदलना कैसे
महाराष्ट्र में एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने पर शिवसेना ने कहा कि इसे रंग बदलना नहीं कहा जा सकता। लोगों को इसे लेकर पेट दर्द क्यों हो रहा है? अगर भाजपा महबूबा के साथ सरकार बनाती है तो किसी को कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन कोई और करे तो इसे गलत साबित किया जाता है। हमने समाज के हित में सरकार बनाई। ये संविधान के तहत चलेगी।
राज ठाकरे रंग बदल रहे हैं
सामना में आगे कहा गया कि कुछ हफ्ते पहले यही राज ठाकरे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ थे, और अब सिर्फ वोटों के लिए, वह रंग बदल रहे हैं। यह स्पष्ट है कि भाजपा राजनीतिक लाभ प्राप्त करना चाहती है। सीएए से न केवल मुस्लिम बल्कि 30 से 40 प्रतिशत हिंदू प्रभावित होंगे। सीएए और एनआरसी पर सरकार के प्रयासों पर पूर्ण समर्थन करते हुए, राज ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों के विरोध में मुंबई में 9 फरवरी को एक बड़ा मोर्चा निकालेगी।
पाकिस्तान और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए
पिछले साल दिसंबर में, राज ठाकरे ने कहा था कि किसी भी धर्म के पाकिस्तान और बांग्लादेश के अवैध प्रवासियों को देश से बाहर निकाल देना चाहिए। उन्होंने कहा था कि नागरिकता कानून से भारत पर बोझ बढ़ाएगा। राज ठाकरे ने पुणे में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि भारत धर्मशाला नहीं है। बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले लोगों को बाहर निकाल देना चाहिए। भारत ने मानवता का ठेका नहीं लिया है।