गन्ना किसानों के बकाया भुगतान समेत नौ मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोला। प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन में दस्तक दी। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को सौंपे ज्ञापन में उक्त मुद्दों पर तुरंत निर्णय लेने के लिए सरकार को निर्देश देने की मांग की गई।
राजभवन में दस्तक देने के मौके पर कांग्रेस फिर एकजुट दिखी। बीते रोज नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश पर हमला बोलने वाले उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा साथ-साथ दिखाई दिए। ज्ञापन में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्याज, डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस कीमतों में वृद्धि समेत महंगाई की चौतरफा मार से आम आदमी बेहाल है। नोटबंदी और जीएसटी के फैसलों से कारोबारी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
कांग्रेसियों के मुताबिक, गन्ना किसानों को बकाया भुगतान नहीं किया जा सका है। प्रदेश में 13 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। किसानों का बकाया भुगतान और ऋण माफ किया जाना चाहिए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रोजगार के मोर्चे पर डबल इंजन सरकार विफल है। किसी भी विभाग में न तो भर्ती खुली और न ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो पाए हैं। उद्योग बंद होने से नौजवान बेरोजगार हो गए हैं।
उन्होंने जिला विकास प्राधिकरणों के गठन को लोगों का उत्पीड़न करार देते हुए पार्टी ने यह फैसला वापस लेने की मांग की है। कानून व्यवस्था, टीएचडीसी को दूसरे संस्थान को हस्तांतरित किए जाने की कवायद और भूमि अध्यादेश को लेकर कांग्रेस ने सरकार को आड़े हाथों लिया है। ज्ञापन में कांग्रेस ने एनसीसी अकादमी देवप्रयाग के माल्डा से अन्यत्र स्थानांतरित करने को क्षेत्रीय जनता के साथ अन्याय करार दिया है।
प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, विधायक आदेश चौहान, फुरकान अहमद, ममता राकेश, पूर्व विधायक अनुसूया प्रसाद मैखुरी व राजकुमार, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा व प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी शामिल थे।