राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि दल बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। दल बदल को देखते हुए इस पर अंकुश के मद्देनजर संविधान की 10वीं अनुसूची में अध्यक्ष को शक्ति दी गई। इस बीच देश में अलग-अलग राज्यों में अध्यक्षों ने अलग-अलग निर्णय दिए। बाद में सदस्यों का त्यागपत्र दिलवाकर इसका तोड़ निकाल दिया गया। ऐसे में कोई निर्णय कैसे आएगा। लिहाजा, 10वीं अनुसूची के मसले को रिव्यू करने की आवश्यकता है।
दून में पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में भाग लेने आए राजस्थान के विस अध्यक्ष जोशी ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि दल बदल लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। अनुसूची 10 में भी कमी है। यदि सदस्य को त्यागपत्र दिलवा दिया गया तो इसका क्या महत्व रह जाता है।
उन्होंने बताया कि पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में इस अहम मसले पर भी मंथन होगा। एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र मजबूत होकर उभर रहा है। प्रश्न ये है कि नियमों का पालन करते हुए चर्चा से समस्याओं का समाधान हो, ताकि तर्कपूर्ण निर्णय लिए जा सकें।