डेंगू बुखार (Dengue Fever) एक संक्रमण है, जो डेंगू वायरस के कारण होता है। डेंगू का इलाज समय पर करना बहुत जरूरी होता है। मच्छर डेंगू वायरस को संचरित करते (फैलाते) हैं। डेंगू बुखार (Dengue Fever) के कुछ लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, त्वचा पर चेचक जैसे लाल चकत्ते तथा मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना शामिल है। बारिश के सीजन में मच्छर जनित इस रोग के होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।
लैब ऑपरेशन्स (गुरूग्राम रेफरेन्स लैब) एसआरएल डायग्नाॅस्टिक्स के टेक्निकल हेड एन एंड ई एंड डयरेक्टर अनुराग बंसल कहते हैं कि हर साल दुनिया भर में लाखों लोग डेंगू बुखार का शिकार होते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका इसकी रोकथाम है। खासतौर पर मानसून के मौसम में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। मानसून की शुरुआत के साथ डेंगू के मामले तेजी से बढ़ने लगते हैं। यह एक मच्छर एडीज एजिप्टी के काटने से होता है। भारत में डेंगू बुखार (Dengue Fever) के चार सीरोटाइप डीवीएनवी-1, डीवीएनवी-2, डीवीएनवी-3 और डीवीएनवी-4 पाए जाते हैं।
डेंगू (Dengue Fever) का वाहक एक मच्छर है, इसलिए मच्छरों से बचाव करके ही आप इस बीमारी से बच सकते हैं। इसके लिए घर और कार्यालय में सामूहिक प्रयास किए जाने चाहिए। ध्यान रखें कि किसी भी स्थान पर लम्बे समय के लिए पानी जमा न हो। कूलर या किसी अन्य कन्टेनर में रखे पानी को सप्ताह में एक बार बदलना चाहिए या इसका उपचार करना चाहिए। सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें या मच्छरों से बचने के लिए पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
अगर तेज बुखार, सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द, रैशेज और आंखों के पीछे दर्द जैसे लक्षाण दिखाई दें, तो डाॅक्टर की सलाह से ब्लड टेस्ट कराएं ताकि समय पर इसका निदान हो सके।
- डेंगू के लक्षण (Dengue Symptoms)
त्वचा पर चकत्ते
तेज सिर दर्द
पीठ दर्द
आंखों में दर्द
तेज़ बुखार
मसूड़ों से खून बहना
नाक से खून बहना
जोड़ों में दर्द
उल्टी
डायरिया
डेंगू के मरीज रखें इन बातों का ध्यान
– डेंगू के मरीज शरीर को ढक कर रखें।
– ध्यान रखें कि आपको कोई मच्छर ना काटे वरना आपके शरीर का वायरस दूसरों तक पहुंच जाएगा।
– अगर आपको डेंगू के लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
– खुद से कोई दवा ना लें। शुरुआत में आप कम एमजी की पैरासिटामोल ले सकते हैं।
– डेंगू वायरस से लोगों को बचाने के लिए कोई वैक्सीन नहीं है, इसलिए डॉक्टर की बातों को नजरअंदाज ना करें। खाने-पीने का पूरा ध्यान रखें।