सीएम त्रिवेंद्र रावत ने किया ऐलान, जनहित कार्यों में होगा संपत्ति का प्रयोग
उत्तराखंड सरकार जल्द ही बेनामी सम्पति को जब्त करने के लिए कठोर कानून कानून बनाएगी, ताकि प्रदेश में कोई भी भ्रष्टाचारी पनप न सके। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को बालावाला स्थित एक स्थानीय फार्म में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जल्दी ही बेनामी सम्पत्ति पर कानून लाकर सभी बेनामी सम्पत्तियों को जब्त किया जाएगा। जब्त बेनामी सम्पत्ति का उपयोग स्कूल, अस्पताल आदि जनहित कार्यों के लिए किया जाएगा
वर्ष 2006 में केंद्र सरकार ने बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन ऐक्ट बनाया था जिसके द्वारा बेनामी लेनदेन ऐक्ट, 1988 में संशोधन कर इसे और मजबूत बनाया गया। ऐक्ट के तहत बेनामी लेनदेन पर रोक है और बेनामी संपत्तियों को जब्त किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भ्रष्टाचार के विरूद्ध हम सब को धर्मयुद्ध की तरह लड़ना होगा। किसी भ्रष्टाचारी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा चाहे वह कोई भी हो। हमने हमेशा प्रयत्न किया है कि हमारी सरकार अपनी संस्कृति को बढ़ाने वाली, विकास के लिए काम करने वाली तथा भ्रष्टाचार मुक्त सरकार हो। आज इस दिशा में हम काफी मजबूती से कार्य कर रहे हैं, आज हम पूर्ण विश्वास से यह कह सकते हैं कि हमारी सरकार पूर्ण भ्रष्टाचार मुक्त है। हमने भ्रष्ट्राचार को मिटाने हेतु कई कदम उठाए हैं। भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की है। हमने संकल्प लिया है कि हम हर क्षेत्र में भेदभाव रहित तथा भ्रष्टाचार मुक्त विकास करेंगे। हमने अनेक प्रॉजेक्ट के रिवाइज एस्टिमेट बनवाकर करोड़ों रुपये बचाए।’