इस ख़तरनाक इलाक़े में शान से फहरेगा 30 फीट ऊँचा तिरंगा, ग्रामीण भी होंगे शामिल

औरंगाबाद : आजादी के बाद पहली बार मदनपुर थाना क्षेत्र के छकरबंदा जंगल के पचरूखिया पहाड़ पर 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने की तैयारी की जा रही है। यह तब संभव हुआ जब यहां कोबरा का कैंप स्थापित हुआ है। लंगुराही और पचरूखिया के जंगल से नक्सली पलायन किए हैं। कभी यह जंगल नक्सलियों का शरण स्थली माना जाता था। पिछले एक वर्ष से इस जंगल और पहाड़ पर नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे सर्च आपरेशन के बाद नक्सली यहां से पलायन कर गए हैं। जहां नक्सलियों का जमावड़ा होता था वहां आज सुरक्षाबल सर्च आपरेशन चला रहे हैं।

हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर काला झंडा फहराते थे नक्सली

नक्सली हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर अपने इलाके में काला झंडा फहराते रहे हैं। राष्ट्रीय पर्व का बहिष्कार करते रहे हैं। पर आज नक्सलियों के ठिकाने से सुरक्षाबल लगातार हथियार, आइईडी बम के अलावा उनके खाने पीने का सामान से लेकर अन्य दैनिक उपयोग की सामग्री को बरामद कर रहे हैं। कई बंकरों को ध्वस्त कर जंगल को नक्सलमुक्त करने की दिशा में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।

सीआरपीएफ और कोबरा का कैंप से हुआ संभव

लंगुराही पहाड़ के नीचे तरी में सीआरपीएफ कैंप स्थापित किए जाने के बाद पचरूखिया में कोबरा का कैंप स्थापित किया गया है। दोनों कैंप तक सड़क बनाई गई है। बिजली पहुंचाई गई है। पेयजल की व्यवस्था की गई है। जिस जगह पर कभी रात को अंधेरा छाया रहता था आज वहां एलइडी लाइट से जंगल और पहाड़ रोशन हो रहा है। यह सब काम होने के बाद इस बार के स्वतंत्रता दिवस को जिला पुलिस के साथ सीआरपीएफ एवं कोबरा ने नक्सलियों के आधार वाले इलाके में तिरंगा फहराने की तैयारी की गई है।

ग्रामीणों के बीच बांटी जाएँगी मिठाइयां

पचरूखिया जंगल के पहाड़ पर पहली बार तीस फीट ऊँचा तिरंगा फहराने की तैयारी कोबरा के द्वारा की गई है। इसमें जंगल में रहने वाले ग्रामीणों को भी शामिल किया जाएगा। उनके बीच मिठाई बांटी जाएगी। ग्रामीण राष्ट्रगान गायेंगे। एएसपी अभियान मुकेश कुमार ने बताया कि तरी एवं पचरूखिया स्थित कैंप में तिरंगा फहराया जाएगा। पचरूखिया पहाड़ पर पहली बार तिरंगा फहराया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.