गोरखपुर में पांच साल में 20 हजार करोड़ हुआ निवेश, हर क्षेत्र में हो रहा तेजी से विकास

गोरखपुर में विकास की गंगा बह रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले पांच सालों में 20000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश हुआ है। सड़कों से लेकर अस्पतालों तक हर क्षेत्र में विकास दिख रहा है। 917 करोड़ की लागत से असुरन-पिपराइच फोरलेन का निर्माण होने के बाद गोरखपुर से पिपराइच पहुंचने में महज सात से आठ मिनट लगेंगे।

 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज का गोरखपुर, आधुनिक भारत के आधुनिक उत्तर प्रदेश के आधुनिक गोरखपुर का दर्शन करा रहा है। जबकि, सपा की सरकार में गोरखपुर में बिजली नहीं मिलती थी, लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिलती थीं। बीआरडी मेडिकल कालेज खुद बीमार हो गया था।

1990 में सपा और कांग्रेस सरकार ने गोरखपुर के खाद कारखाना को बंद कर दिया। पिपराइच की चीनी मिल बंद ही नहीं थी, बल्कि इसे बेचने की तैयारी की जा रही थी। सड़कों की दशा ऐसी थी कि पता ही नहीं चलता था कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क है। रामगढ़ताल गंदगी का ढेर बना हुआ था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब जब प्रदेश में डबल इंजन की सरकार है तो रामगढ़ताल पर्यटन का नया केंद्र बन गया है। गोरखपुर का खाद कारखाना और पिपराइच की चीनी मिल दोबारा चालू हो गई है। बीआरडी मेडिकल कालेज की व्यवस्था सुदृढ़ हो गई है और गोरखपुर में एम्स भी शुरू हो गया है। हर तरफ टूलेन, फोरलेन और सिक्सलेन की रोड कनेक्टिविटी है। उन्होंने कहा कि गोड़धोइया नाला का कार्य पूर्ण होते ही जलभराव की समस्या का भी स्थायी समाधान हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्य करने का जज्बा होना चाहिए। समाज के प्रति जवाबदेही का जज्बा होगा तो सभी समस्याओं का समाधान भी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि आज गोरखपुर में पिपराइच चीनी मिल चल रही है, खाद कारखाना चल रहा है, गोरखपुर में चिड़ियाघर भी खुल गया है। गोरखपुर में लखनऊ, वाराणसी सहित सभी तरफ से शानदार रोड कनेक्टिविटी है।
विकास होने से रोजगार के नए-नए अवसर भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में पांच साल में 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का निवेश धरातल पर उतर चुका है। उद्योग लगने से हजारों युवाओं को रोजगार की गारंटी मिली है। आज गोरखपुर में चार विश्वविद्यालय हैं, वेटरनरी कालेज भी बन रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वर्ष बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है। इसकी शुरुआत विकास कार्यों से हो रही है। उन्होंने बताया कि गोरखपुर में बन रहे वेटरनरी कालेज से जहां पशुपालन का प्रशिक्षण प्राप्त होगा तो वहीं कुशीनगर में कृषि विश्वविद्यालय बन रहा है। इससे कृषि की पढ़ाई के साथ किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकी का प्रशिक्षण सुलभ होगा। गोरखपुर के नवीनीकृत कृषि विद्यालय में भी किसानों को नए तौर तरीकों को सीखने का मौका मिलेगा।
उन्होंने राजकीय कृषि विद्यालय के नवीनीकृत होने पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि यह विद्यालय 1932 में बना था, लेकिन इसका भवन जीर्ण-शीर्ण हो गया था। अब नए भवन के साथ किसानों को नई तकनीकी के प्रशिक्षण और सरकारी योजनाओं को जानने का सुविधाजनक अवसर मिलेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 917 करोड़ की लागत से असुरन-पिपराइच फोरलेन का निर्माण होने के बाद गोरखपुर से पिपराइच पहुंचने में महज सात से आठ मिनट लगेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर-पिपराइच फोरलेन के शिलान्यास को विकास के नए आयाम से जोड़ते हुए कहा कि इससे विकास को नई गति मिलेगी।
इसी तरह उन्होंने राप्ती नदी पर करीब 221 करोड़ की लागत से बनने वाले दो पुलों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे आवागमन सुगम होगा। पुल पर जाम नहीं लगेगा। आने और जाने के लिए लोगों कि चार-चार लेन की सुविधा मिलेगी।
राप्ती नदी पर नौसढ़-कालेसर तटबंध के सुदृढ़ीकरण कार्य का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि 1998 में आई बाढ़ सबको याद होगी। उस दौरान नौसढ़-कालेसर तटबंध टूट गया था। इसे सुदृढ़ होने में 25 साल लग गए। एक युग बीत गया, एक पीढ़ी बीत गई। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार पहले रही होती तो यह कार्य भी तत्काल हो गया होता। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार, प्रदेश में सभी तटबंधों को सुदृढ़ कर बाढ़ की समस्या के स्थायी समाधान की ओर अग्रसर है।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में चतुर्दिक विकास के साथ संपूर्ण उत्तर प्रदेश का कायाकल्प हुआ है। उन्होंने देश और दुनिया में सुशासन का नया आयाम स्थापित किया है।
मंत्री ने कहा कि किसानों के हित में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने कई ऐतिहासिक कार्य किए हैं। अन्नदाता किसानों को कृषि यंत्रों के लिए 1500 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। कृषि यंत्रों पर 50 से लेकर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में प्रदेश में तिलहन उत्पादन 12 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 28.5 लाख मीट्रिक टन हो गया है। कृषि मंत्री ने बताया कि सरकार सभी विकास खंडों पर किसान कल्याण केंद्र की स्थापना करने के साथ ही आटोमेटिक वेदर स्टेशन बना रही है।
इससे न्याय पंचायत स्तर पर ही किसानों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मौसम की भावी जानकारी मिलने से उन्हें सिंचाई व खाद, बीज डालने का समय चुनने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश के किसानों के हित संवर्धन के लिए सरकार ने विश्व बैंक के सहयोग से चार हजार करोड़ रुपये की एक विशेष परियोजना को आगे बढ़ाया है।
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री शाही ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कल केंद्रीय कैबिनेट की ओर से डीएपी खाद की कीमतों को न बढ़ने देने के लिए गए निर्णय पर आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से डीएपी के लिए 3850 करोड़ रुपये अनुदान का प्रविधान किए जाने से अब प्रति बोरी अनुदान भी बढ़कर 2500 रुपये हो जाएगा।
स्वागत संबोधन में पिपराइच के विधायक महेंद्रपाल सिंह ने कहा कि योगी सरकार किसानों, नौजवानों और महिलाओं की सरकार है। मुख्यमंत्री योगी हैं तो सबकुछ मुमकिन है। उनकी सरकार हर स्थिति में किसानों के साथ है और उन्हें आगे बढ़ाने और उनकी आय दोगुनी करने के लिए दृढ़ संकल्प से कार्य कर रही है।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से महापौर डा. मंगलेश श्रीवास्तव, विधायक फतेह बहादुर सिंह, विपिन सिंह, डा. विमलेश पासवान, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि उपस्थित रहे।

इन विकास परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण

  • राजकीय कृषि विद्यालय चरगांवा में नवीन प्रशासनिक भवन (लागत- 9.88 करोड़ रुपये)
  • राजकीय कृषि विद्यालय चरगांवा में किसान हास्टल प्रशासनिक भवन (लागत- 9.08 करोड़ रुपये)
  • नथमलपुर में क्षेत्रीय जन विश्लेषक प्रयोगशाला (लागत- 24.44 करोड़ रुपये)
  • राप्ती नदी पर नौसढ़ से कालेसर तक गोरखपुर रोड के समानांतर स्थित तटबंध पर छह किमी की लंबाई में सुदृढ़ीकरण (लागत- 10.28 करोड़ रुपये)
  • लखनऊ-गोरखपुर मार्ग, पर अतिरिक्त दो लेन (अप स्ट्रीम) का राप्ती नदी पर पुल, पहुंच मार्ग, सुरक्षात्मक कार्य एवं भूमि अध्याप्ति कार्य (लागत- 103 करोड़ 92 लाख 76 हजार रुपये)
  • लखनऊ-गोरखपुर मार्ग, अतिरिक्त दो लेन (डाउन स्ट्रीम)का राप्ती नदी पर पुल, पहुंच मार्ग, सुरक्षात्मक कार्य एवं भूमि अध्याप्ति कार्य (लागत- 117 करोड़ 99 लाख 84 हजार रुपये)
  • गोरखपुर-पिपराइच मार्ग का 19.485 किमी लंबाई में फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत- 917 करोड़ रुपये)
  • चारफाटक-असुरन मार्ग का 2.60 किमी लंबाई में फोरलेन में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत- 279 करोड़ रुपये)
  • गोरखपुर-खजनी-सिकरीगंज मार्ग का 13 किमी लंबाई में चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण (लागत- 60.58 करोड़ रुपये)

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम स्थल पर कृषि, उद्यान, पशुपालन, मत्स्यपालन आदि विभागों तथा फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनियों की तरफ से लगाए गए स्टालों का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने स्टालों पर प्रदर्शित उत्पादों के बारे में जानकारी ली। कृषि नमो ड्रोन के स्टाल पर मुख्यमंत्री ने नमो ड्रोन दीदी तथा अन्य स्टालों पर मौजूद लोगों से बातचीत कर उनकी हौसला अफजाई की।

बाल विकास विभाग के स्टाल पर मुख्यमंत्री योगी ने बच्चों का अन्नप्राशन कराया और उन्हें दुलारते हुए उपहार व आशीर्वाद दिया। उन्होंने इसी स्टाल पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई कर उन्हें पोषण किट का उपहार दिया।

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