मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में सोमवार को जहरीली शराब पीने से 10 लोगों की मौत हो गई। वहीं कई लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। इन लोगों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस बीच मध्य प्रदेश सरकार ने मामले में कार्रवाई करते हुए एसएचओ को तत्काल निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दे दिए हैं। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आरोपियों को बख्शा नहीं जाएगा। एक टीम मामले की जांच करेगी। मरने वालों में सात लोग मानपुर के पृथ्वी गांव के हैं। वहीं तीन लोग सुमावली के पावली गांव के हैं। दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया के अनुसार दो लोगों की हालत ज्यादा खराब होने के कारण सोमवार रात को डॉक्टरों द्वारा ग्वालियर रेफर कर दिया गया था।
एसडीओपी सुजीत भदौरिया के अनुसार गांव में किस-किस की तबीयत शराब पीने के बाद खराब हुई है? इसका पता लगाने के पूछताछ की जा रही है। सोमवार को बागचीनी थाना क्षेत्र के मानपुर पृथ्वी गांव में जहरीली शराब पीने से जीतेंद्र यादव नाम के शख्स की हालत खराब हो गई। परिजन उसे गंभीर हालत में इलाज के लिए ग्वालियर ले जा रहे थे कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद ध्रुव यादव, सिरनाम, दीपेश, बृजकिशोर, दिलीप शाक्य, धर्मेंद्र यादव, राजकुमार यादव समेत कुछ अन्य लोगों की तबियत खराब होने की जानकारी मिली। इनमें से तीन और की भी मौत हो गई। जानकारी के अनुसार इन्होंने ओपी केमिकल से बनी शराब पी थी। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस यहां पहुंची। इसके बाद पुलिस को देररात सुमावली थाना क्षेत्र के पावली गांव में तीन लोगों की मौत की सूचना मिली। पुलिस के अनुसार ये लोग एक ही पार्टी में गए थे।
बीहड़ में बेखौफ चलता है अवैध शराब का कारोबार
मुरैना के बीहड़ में कच्ची और जहरीली शराब का कारोबार बेखौफ चलता है। पिछले महीने ही नूराबाद पुलिस ने बीहड़ में कच्ची शराब की भट्टी पकड़ी थी। यह शराब मौटरसाइकिल से आसपास के गांवों में भेजी जाती थी। इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में उज्जैन में जहरीली शराब पीने से 16 लोगों की मौत हो गई थी। इसके पूरे सूबे में इसे लेकर अभियान चलाया गया। इसके बाद यहां अवैध शराब की बिक्री हो रही थी। इस घटना से सबक लिया गया होता तो शायद इन लोगों की जान न जाती।