राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर प्रदेश की 10 पंचायतों को आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूरे देश भर से कुल अलग-अलग श्रेणियों में 224 पंचायतों को “दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार” से पुरस्कृत किया गया। इसमें उत्तराखंड की देहरादून जिले की 4, उत्तरकाशी की 3 और रुद्रप्रयाग, पौड़ी और पिथोरागढ़ एक-एक पंचायत शामिल है। इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से प्रधानमंत्री द्वारा इन पुरस्कारों को वर्चुअल तरीके से वितरित किए गए। इतना ही नहीं पुरस्कार पाने वाले इन पंचायतों को 5 लाख से 50 लाख तक की पुरस्कार राशि भी हस्तांतरित की गई।
मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पुरस्कार पाने वाले सभी पंचायत प्रतिनिधियों को शुभकामना दी है, मुख्यमंत्री के कहा कि पंचायतों के विकास लिए राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है
सचिव पंचायती राज श्री हरीश सेमवाल ने बताया कि “दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार” के तहत जिला पंचायत पिथौरागढ़, क्षेत्र पंचायत जखोली-रुद्रप्रयाग, क्षेत्र पंचायत द्वारीखाल-पौड़ी, ग्राम पंचायत सिमलास ग्रांट -डोईवाला देहरादून, ग्राम पंचायत मथ, पुरोला उत्तरकाशी, ग्राम पंचायत देवजनि मोरी उत्तरकाशी एवं ग्राम पंचायत पुरोहित वाला सहसपुर देहरादून को पुरस्कृत किया गया। जबकि नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा का पुरस्कार ग्राम पंचायत दिवाडी नौगांव उत्तरकाशी, ग्राम पंचायत विकास योजना का पुरस्कार ग्राम पंचायत अटक फॉर्म सहसपुर देहरादून एवं बाल हितैषी ग्राम पंचायत पुरस्कार बादाम वाला सहसपुर देहरादून को दिया गया है।
राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 प्रदान किए। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2021 कई श्रेणियों के अंतर्गत दिए गए। 224 पंचायतों को ‘दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सशक्तिकरण पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया। 30 ग्राम पंचायतों को ‘नानाजी देशमुख राष्ट्रीय गौरव ग्राम सभा पुरस्कार’ दिया गया। 29 ग्राम पंचायतों को ‘ग्राम पंचायत विकास योजना पुरस्कार’ दिया गया। 30 ग्राम पंचायतों को ‘बच्चों के अनुकूल ग्राम पंचायत’ पुरस्कार मिला। ग्रामों के अलावा 12 राज्यों को ‘ई-पंचायत पुरस्कार’ भी प्रदान किया गया। प्रधानमंत्री अनुदान सहायता के रूप में 5 लाख रुपये से 50 लाख रुपये तक की पुरस्कार धनराशि हस्तांतरित की गई। यह राशि रियल टाइम आधार पर पंचायतों के बैंक खाते में सीधे हस्तांतरित की गई। देश में ऐसा पहली बार किया गया है।