निर्धारित समय में सफाई नहीं हुई तो दर्ज होगा मुकदमा- डीएम सविन बंसल
देहरादून। जिले में राजमार्गों और सार्वजनिक स्थलों पर बढ़ती गंदगी को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। जिलाधिकारी सविन बंसल ने हरिद्वार बाईपास सहित कई प्रमुख मार्गों और सार्वजनिक स्थानों पर भारी मात्रा में कूड़ा-कचरा पाए जाने पर संबंधित विभागों के अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 152 (पूर्व में सीआरपीसी की धारा 133) के तहत आपराधिक नोटिस जारी किए हैं।
स्थलीय निरीक्षण में उजागर हुई गंभीर स्थिति
जिलाधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार डोईवाला और ऋषिकेश की संयुक्त टीमों ने हरिद्वार बाईपास रोड पर रिस्पना पुल से लच्छीवाला, भानियावाला टोल, एयरपोर्ट रोड, लालतप्पड़ क्षेत्र, रायवाला अंडरपास, ग्राम प्रतीतनगर, रायवाला रेलवे स्टेशन और नेशनल हाईवे सर्विस रोड का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान इन क्षेत्रों में जगह-जगह कूड़े के ढेर पाए गए, जिससे पर्यावरण और भू-जल प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है। साथ ही संक्रामक रोग फैलने और वन्य जीवों की आवाजाही से आमजन की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जताई गई।
लोक मार्ग पर न्यूसेन्स मानते हुए कार्रवाई
प्रशासन ने इस स्थिति को लोक मार्ग पर न्यूसेन्स (लोक बाधा) की श्रेणी में माना है। इसके तहत परियोजना निदेशक एनएचएआई, प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून, अधिशासी अभियंता एनएच खंड डोईवाला सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे सात दिनों के भीतर पूरे क्षेत्र से कूड़े-कचरे का पूर्ण निस्तारण कर स्थायी स्वच्छता व्यवस्था सुनिश्चित करें।
19 दिसंबर को एसडीएम न्यायालय में पेश होने के आदेश
प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को 19 दिसंबर 2025 को एसडीएम न्यायालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही साफ-सफाई के कार्य की फोटोग्राफ सहित अनुपालन रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य किया गया है।
ग्राम प्रतीतनगर, रायवाला रेलवे स्टेशन और नेशनल हाईवे सर्विस रोड के किनारे गंदगी पाए जाने पर एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर, सहायक वन संरक्षक, लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश के अधिशासी अभियंता, जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी और रायवाला रेलवे अधीक्षक को भी नोटिस जारी किए गए हैं।
अनुपालन न होने पर होगी आपराधिक कार्रवाई
जिलाधिकारी सविन बंसल ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि तय समयसीमा में निर्देशों का पालन नहीं करने पर स्वतः आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। भारतीय न्याय संहिता 2023 के तहत दोषी पाए जाने पर छह माह तक के कारावास का प्रावधान भी लागू किया जा सकता है।
प्रशासन ने साफ किया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा और ऐसे स्थलों पर नियमित निरीक्षण जारी रहेगा।